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कुशीनगर की पुष्पा पांडेय बैंक से कर्ज लेकर खुद तो आत्मनिर्भर बनी ही, कोरोना संकट में अपनी रोजी-रोटी गंवाकर प्रवासी मजदूरों समेत 15 ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर भी बनाया। उनकी टीम ने मात्र चार महीने में खादी ग्रामोद्योग के आदेश पर 10 हजार मास्क समेत 20 हजार खादी के कपड़े तैयार किये।

उनके  पति पंकज पांडेय फाजिलनगर के गांव में खादी से जुड़े कपड़ों का धागा तैयार करने का काम करते हैं। उनसे शिक्षा लेकर खादी ग्रोमोद्योग बोर्ड कुशीनगर से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत पिछले मई में 15 लाख रुपये कर्ज लिया। सिलाई की ट्रेनिंग लेने के बाद जून में घर पर 15 सिलाई मशीनों की यूनिट स्थापित की। कोरोना काल के बावजूद मात्र चार महीने में पुष्पा आत्मनिर्भर बनकर समय से बैंक का किश्त जमा करती हैं तथा 10 प्रवासी व पांच ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी दिया है।

वे चार महीने में देवरिया खादी ग्रामोद्योग का छह हजार तथा कुशीनगर का चार हजार कपड़ा तैयार कर दे चुकी हैं। इसके अलावा एन 95 व सामान्य दस हजार खादी मास्क तैयार

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