उत्तराखंड एक्स्प्रेस में प्रकाशित
कोरोना काल के समय कुछ ऐसे अनुभव भी आये हैं, जिनसे वर्तमान तो अच्छा हुआ ही है और आगे भविष्य के लिए भी उम्मीदें भी जाग उठी हैं। उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लॉक में ग्राम हिमरोल निवासी प्रगतिशील किसान भरत सिंह राणा के परिवार ने इस अवधि में स्वरोजगार की एक अनूठी मिसाल पेश की।

कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन के दौरान जब वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप थी, तब इस परिवार ने वोकल फॉर लोकल थीम पर पार्सल के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने की एक मुहिम शुरू की। नतीजा यह निकला कि, वर्तमान में एक दर्जन से अधिक उत्पाद ऑनलाइन डिमांड पर पार्सल के जरिये विभिन्न राज्यों में पहुंच रहे हैं। राणा परिवार के इस उद्यम से जुड़कर गांव की करीब दो दर्जन से अधिक महिलाओं को भी रोजगार का जरिया मिल चुका है।

वहीं, सरकार  के वोकल फॉर लोकल अभियान को आगे बढ़ाते हुए किसान भरत सिंह राणा व उनके पुत्र जगमोहन सिंह राणा ने गांव में महिलाओं के तैयार किए उत्पादों को स्थानीय बाजार से लेकर ऑनलाइन बाजार में भी बेचना शुरू किया।  बताते हैं कि नजदीक क्षेत्र के करीब बीस गांवों में ग्रामीणों से स्थानीय उत्पाद खरीदकर उन्हें पार्सल के जरिये देश के विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है।

बताते हैं कि हिमरोल समेत क्षेत्र के करीब 20 गांवों से स्थानीय उत्पाद खरीदकर लाए जाते हैं। यह कार्य गांव की महिलाएं ही करती हैं। ग्रेडिंग और पैकिंग समेत उत्पाद तैयार करने का कार्य भी महिलाओं के ही जिम्मे सौंपा गया है। हिमरोल गांव की औरते  बताती हैं कि इस कार्य से उन्हें प्रतिदिन करीब 300 रुपये की आमदनी हो जाती है।

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