एक नया ड्रोन शो इस साल के ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह के प्रमुख आकर्षणों में से एक होगा, जो नई दिल्ली के मध्य में ऐतिहासिक विजय चौक पर राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर श्री राम नाथ कोविंद द्वारा 29 जनवरी, 2022 को आयोजित किया जाएगा। पहली बार, शो को आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में समारोह का हिस्सा बनाया गया है, जिसे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस शो को देखेंगे, जिसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत अवधारणा, डिजाइन, निर्मित और कोरियोग्राफ किया गया है।

भारतीय उत्साह के साथ मार्शल संगीत की धुन इस साल समारोह का स्वाद होगी। भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बैंडों द्वारा बजाए गए संगीत के साथ कुल 26 प्रदर्शन दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे। एंट्री बैंड ‘ वीर सैनिक ‘ की धुन बजाते हुए मास बैंड होगा। इसके बाद पाइप्स एंड ड्रम बैंड, सीएपीएफ बैंड, एयर फोर्स बैंड, नेवल बैंड, आर्मी मिलिट्री बैंड और मास बैंड होंगे।समारोह के मुख्य कंडक्टर कमांडर विजय चार्ल्स डी’क्रूज होंगे।

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए समारोह में कई नई धुनें जोड़ी गई हैं। इनमें ‘ केरल ‘, ‘ हिंद की सेना ‘ और ‘ ऐ मेरे वतन के लोगन ‘ शामिल हैं। कार्यक्रम का समापन ‘ सारे जहां से अच्छा ‘ के हमेशा लोकप्रिय धुन के साथ होगा ।

ड्रोन शो का आयोजन स्टार्टअप ‘बोटलैब डायनेमिक्स’ द्वारा किया गया है और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित है। यह शो 10 मिनट की अवधि का होगा जिसमें स्वदेशी तकनीक के माध्यम से निर्मित लगभग 1,000 ड्रोन शामिल होंगे। ड्रोन शो के दौरान सिंक्रोनाइज्ड बैकग्राउंड म्यूजिक भी बजाया जाएगा।

एक अन्य आकर्षण स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रोजेक्शन मैपिंग शो होगा। लगभग 3-4 मिनट की अवधि के शो को समारोह के अंत से पहले नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की दीवारों पर प्रदर्शित किया जाएगा।

गणतंत्र दिवस परेड की तरह ही कोविड-19 से संबंधित ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह के लिए पर्यावरण के अनुकूल निमंत्रण पत्र तैयार किए गए हैं। कार्ड को अश्वगंधा, एलोवेरा और आंवला के औषधीय पौधों के बीजों से तैयार किया गया है। लोगों को इसे अपने बगीचों/फूलों के गमलों में लगाने और सदियों पुराने औषधीय लाभों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

‘बीटिंग द रिट्रीट’ एक सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों से है जब सैनिक सूर्यास्त के समय युद्ध से अलग हो जाते हैं। जैसे ही बिगुलरों ने पीछे हटने की आवाज़ दी, सैनिकों ने लड़ना बंद कर दिया, अपने हथियार बंद कर लिए और युद्ध के मैदान से हट गए। यही कारण है कि पीछे हटने की आवाज़ के दौरान अभी भी खड़े होने की प्रथा आज तक बरकरार रखी गई है। रंग और मानक आवरण वाले होते हैं और पीछे हटने पर झंडे उतारे जाते हैं।

ड्रमबीट्स उन दिनों को याद करते हैं जब शाम को नियत समय पर कस्बों और शहरों में सैनिकों को उनके क्वार्टर में वापस बुला लिया जाता था। इन्हीं सैन्य परंपराओं के आधार पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह बीते समय की पुरानी यादों का माहौल बनाता है।

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