प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने आज संयुक्त रूप से मॉरीशस में सामाजिक आवास इकाई परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना भारत और मॉरीशस के बीच जीवंत विकास साझेदारी के हिस्से के रूप में लागू की गई है। इस अवसर पर दोनों प्रधानमंत्रियों ने दो अन्य परियोजनाओं के लिए वर्चुअल शिलान्यास समारोह में भी भाग लिया, अत्याधुनिक सिविल सर्विस कॉलेज और 8 मेगावाट सोलर पीवी फार्म का निर्माण, भारत के विकास समर्थन के हिस्से के रूप में भी शुरू किया गया। कार्यक्रम का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया गया। मॉरीशस में कार्यक्रम मॉरीशस के पीएमओ परिसर में कैबिनेट मंत्रियों और मॉरीशस सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।.

उन्होने ने कहा कि भारत और मॉरीशस इतिहास, वंश, संस्कृति, भाषा और हिंद महासागर के साझा जल से एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि यह मजबूत विकास साझेदारी आज घनिष्ठ संबंधों के प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरी है।

उन्होने ने कहा कि भारत के वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत मॉरीशस उन पहले देशों में से एक था जहां कोविड के टीके भेजे गए थे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि आज मॉरीशस दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जिन्होंने अपनी आबादी के तीन-चौथाई हिस्से को पूरी तरह से टीका लगाया है।

प्रधान मंत्री ने याद किया कि 2015 में अपनी मॉरीशस यात्रा के दौरान उन्होंने सागर के भारत के समुद्री सहयोग दृष्टिकोण – ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा सहित भारत मॉरीशस के द्विपक्षीय सहयोग ने इस दृष्टिकोण को क्रिया में बदल दिया है।

उन्होने ने भारत-मॉरीशस संबंधों को मजबूत करने में स्वर्गीय सर अनिरुद्ध जगन्नाथ के शानदार योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि वह एक दूरदर्शी नेता थे जिनका भारत में व्यापक सम्मान था। उन्होंने कहा कि 2020 में उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित करना भारत का सौभाग्य है।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने कहा कि आज शुरू की गई परियोजनाएं उनके देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत-मॉरीशस साझेदारी ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत से मॉरीशस को 190 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट देने पर एक समझौते का भी आदान-प्रदान किया गया। लघु विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर एक समझौता ज्ञापन का भी आदान-प्रदान किया गया।

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