केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने मिजोरम से शुरुआत करते हुए पूर्वोत्तर के लिए मोबाइल COVID-19 परीक्षण सुविधा शुरू की है, जहां से राज्य के मुख्यमंत्री पु जोरमथांगा ऑनलाइन लॉन्चिंग समारोह में शामिल हुए। अपनी तरह की पहली मोबाइल डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (आई-एलएबी) आरटी-पीसीआर और एलिसा दोनों का प्रदर्शन करने में सक्षम है।
उन्होने ने कहा, भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से विकसित प्रयोगशाला, भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के ग्रामीण और दूरदराज के हिस्सों में COVID-19 परीक्षण पहुंच प्रदान करने के लिए है। उन्होंने कहा, इकाई में जैव-सुरक्षा सुविधा है और यह आरटी-पीसीआर और एलिसा दोनों परीक्षण करने में सक्षम है और इस सुविधा का उपयोग टीबी, एचआईवी जैसे अन्य संक्रामक रोगों के परीक्षण के लिए भी किया जा सकता है, और इसलिए COVID के बाद भी प्रासंगिक रहेगा। -19 बार।
उन्होने ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की आबादी के रोग प्रोफ़ाइल के अनुसार आई-एलएबी को टेली-परामर्श सुविधा से जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि मोबाइल प्रयोगशाला के साथ मैमोग्राफी और विजन-टेस्टिंग जैसे परीक्षण जोड़े जा सकते हैं और यह क्षेत्र के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।
डीबीटी सचिव डॉ राजेश गोखले ने कहा कि मोबाइल डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (आई-एलएबी) कोविड-19 के बाद भी तपेदिक, एचआईवी जैसे संक्रामक रोगों के परीक्षण के लिए पूरे वर्ष प्रासंगिक रहेगी।