खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा सृजित स्व-रोजगार के परिणामस्वरूप कारगिल और लेह के शांत हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादन गतिविधियां फलफूल रही हैं।2017-18 से केवीआईसी ने कारगिल और लेह में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत लगभग 1000 विभिन्न छोटी और मध्यम विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं। इनसे केवल साढ़े तीन साल की अवधि में ही स्थानीय युवाओं के लिए 8200 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। इन इकाइयों ने 2017-18 से 32.35 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी जारी की है।
सीमेंट ब्लॉकों के विनिर्माण से लेकर लोहे और स्टील की वस्तुओं के विनिर्माण, ऑटोमोबाइल मरम्मत वर्कशॉप, टेलरिंग इकाइयां, लकड़ी की फर्नीचर निर्माण इकाइयां, लकड़ी पर नक्काशी की इकाइयां, साइबर कैफे, ब्यूटी पार्लर और सोने के आभूषणों के निर्माण आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें केवीआईसी ने सहायता प्रदान की है।
लेह में रोजगार में हुई वृद्धि में पर्यावरण के लिहाज से चुनौतीपूर्ण है। इस क्षेत्र में साल में केवल छह महीने तक ही संपर्क स्थापित हो पाता है। कारगिल और लेह ने विभिन्न विनिर्माण गतिविधियों को बनाए रखने की अपार क्षमता दिखाई है। लेह और कारगिल देश के बाकी हिस्सों से लगभग छह महीने तक कटा रहता है। हालांकि, ये इकाइयां इन क्षेत्रों में पूरे वर्ष सामानों की स्थानीय उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी।
कारगिल और लेह के लाभार्थियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अपनी उत्पादन इकाइयां शुरू करने के बाद नौकरियों की तलाश में दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। इन इकाइयों ने न केवल उनके लिए स्व-रोजगार सृजित किए हैं बल्कि इस क्षेत्र के कई अन्य बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
कारगिल के गांव के एक निवासी ने 10 लाख रुपये के शुरुआती ऋण के साथ सीमेंट ब्लॉक ईंटों की उत्पादन इकाई शुरू की थी। अब उसका 52 लाख रुपये का सालाना कारोबार है। उसने अपनी विनिर्माण इकाई में 8 व्यक्तियों को रोजगार दिया है। इसी तरह लोहे और इस्पात की वस्तुओं के उत्पादन से जुड़े इस्माइल नसीरी ने कारगिल के ग्राम पोयेन में 25 लाख रुपये की लागत से अपनी इकाई शुरू की और 10 लोगों को रोजगार दिया है तथा उसकी इकाई 76 लाख रुपये का कारोबार कर रही है।
रोजगार की होड़ ने स्थानीय महिलाओं को भी स्व-रोजगार के लिए प्रेरित किया है जो घर बाहर जाने और स्वतंत्र रूप से काम करने की इच्छुक नहीं थी। केवीआईसी की सहायता से अनेक महिला उद्यमी इन जिलों में कटिंग, सिलाई इकाइयां और ब्यूटी पार्लर सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं।
कारगिल के बारू में एक महिला उद्यमी हमीदा बानो ने सिलाई की गतिविधि में भाग लिया और अपनी यूनिट में 3 अन्य महिलाओं को रोजगार दिया। हमीदा का सालाना कारोबार भी 12 लाख रुपये तक पहुंच गया है।
यह उल्लेख करना उचित है कि लेह-लद्दाख क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार का प्रमुख उद्देश्य रहा है। 2019 में जम्मू और कश्मीर के विभाजन के बाद से इस क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कारगिल और लेह में 2017-18 से 2020-21 तक (30 सितंबर तक) परियोजनाओं और रोजगार की संख्या
क्र.सं. | वर्ष | परियोजनाओं की संख्या | वितरित की गई मार्जिन मनी (रुपये लाख में) | रोजगार सृजन |
01 | 2017-18 | 172 | 417.12 | 1099 |
02 | 2018-19 | 462 | 1491.63 | 4252 |
03 | 2019-20 | 309 | 1122.94 | 2501 |
04 | 2020-20
(30.09.2020 तक) |
50 | 204.00 | 350 |
05 | योग | 993 | 3235.69 | 8202 |