रक्षा मंत्री श्रीराजनाथ सिंह ने एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 24 पुलों और तीन सड़कों को राष्ट्र को समर्पित किया। 24 पुलों में से नौ जम्मू और कश्मीर में हैं; लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में पांच-पांच; उत्तराखंड में तीन और सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक। तीन सड़कों में से दो लद्दाख में और एक पश्चिम बंगाल में है। मुख्य आकर्षण भारत के पहले स्वदेशी वर्ग 70 140-फीट डबल-लेन मॉड्यूलर ब्रिज का उद्घाटन था, जिसे फ्लैग हिल डोकला, सिक्किम और चिसुमले-डेमचोक रोड पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया था। दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्जे भी किया।

उन्होने ने स्वदेशी डबल-लेन मॉड्यूलर ब्रिज को आत्मानिर्भरता ‘ का एक चमकदार उदाहरण  बताया और इस तथ्य की सराहना की कि इसे बहुत कम लागत पर विकसित किया गया है और जरूरत पड़ने पर इसे तोड़ा जा सकता है। “यह हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘मेक इन इंडिया’ को प्राप्त करने के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से संपर्क प्रदान करने के सरकार के संकल्प का प्रतीक है। यह ऐसे क्षेत्रों में और अधिक पुलों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा।”

ई-उद्घाटन ने बीआरओ द्वारा निष्पादित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की संख्या को एक ही कार्य सत्र में रिकॉर्ड 102 तक ले लिया है, वह भी  भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में। बीआरओ ने रिकॉर्ड समय सीमा में निर्माण पूरा कर लिया है, जिनमें से अधिकांश में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे पहले इस साल जून में, श्री राजनाथ सिंह ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में 12 सड़कों और 63 पुलों – कुल 75 परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया था ।

उन्होने ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों, राजमार्गों, सुरंगों और पुलों के निर्माण को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि जो देश अपने रास्ते खुद विकसित करता है, वह दुनिया को रास्ता दिखाता है। उन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार करके और देश को अपनी सुरक्षा, संचार और व्यापार उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करके राष्ट्र निर्माण में बीआरओ के योगदान की सराहना की। उन्होंने अटल सुरंग, कैलाश मानसरोवर सड़क, हाल ही में 54 पुलों का उद्घाटन और ‘सड़क सुरक्षा’ और ‘सड़क, पुल, सुरंग, हवाई क्षेत्र’ पर उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना सहित बीआरओ के हालिया मील के पत्थर का विशेष उल्लेख किया।

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