विदेशी मित्र नौसेनाओं को प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म्स पर नौसैनिक अभियानों तथा प्रशिक्षण के विभिन्न आयामों से अवगत कराने के भारतीय नौसेना के प्रयासों तथा ‘ब्रिजेज़ ऑफ फ्रेंडशिप’ का विस्तार करने के प्रयासों के अंतर्गत आईएनएस सुदर्शनी वर्तमान में खाड़ी क्षेत्र में तैनाती के अपने अंतिम चरण में है।

जहाज को 22 दिसंबर को आईआरआईएस जेरेह द्वारा पोर्ट साहिद बहोनार, बंदर अब्बास (ईरान) ले जाया गया। तट पर आईआरआई नौसेना के नौसेना बैंड द्वारा जहाज का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। आईआरआई नौसेना प्रथम नौसेना क्षेत्र और नैवल अटैशे भारतीय दूतावास के एक प्रतिनिधिमंडल ने जहाज को रिसीव किया।

स्वागत समारोह के बाद ईरान में भारत के राजदूत महामहिम श्री गद्दाम धर्मेंद्र ने जहाज का दौरा किया। उन्हें अपनी टीम के साथ जहाज का एक गाइडेड दौरा करवाया गया। जहाज के कर्मचारियों के लिए राजदूत के निमंत्रण पर एक भोज का आयोजन किया गया। इस आयोजन के लिए आईआरआई नौसेना कर्मियों को भी आमंत्रित किया गया। इस दौरे के प्रतीक स्वरूप संयुक्त रूप से केक कटिंग समारोह आयोजित किया गया।

नौसेना अटैशे इंडिया के साथ कमांडिंग ऑफिसर ने कमांडर आईआरआई नेवी फर्स्ट डिस्ट्रिक्ट से मुलाकात की। इस दौरान ऐतिहासिक समुद्री संपर्क, प्रशिक्षण कैडेटों और युवा अधिकारियों के विषय पर दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी सहयोग और सेल प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

प्रशिक्षण निदेशक (आईआरआई नौसेना) कैप्टन हमजा ने आईआरआई नौसेना के अधिकारियों की एक टीम के साथ जहाज का दौरा किया। उन्हें आईआरआई नौसेना कैडेट्स के हार्बर प्रशिक्षण के दौरान जहाज की कार्यप्रणाली और विशेषताओं का गहन अवलोकन कराया गया।

आईआरआई नेवी ट्रेनी ऑफिसर्स (सी राइडर्स) जिन्हें सेल ट्रेनिंग के लिए नामित किया गया है, ने जहाज के परिचय हेतु जहाज का दौरा किया। सीमैनशिप, सेल अरेंजमेंट, रोप वर्क और सेल ट्रेनिंग के तकनीकी विषयों पर व्यावहारिक ज्ञान साझा किया गया। इस दौरे के दौरान दोनों पक्षों को सेल रिगिंग का व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव भी प्रदान किया गया।

जहाज तीन दिनों के लिए बंदर अब्बास में रहेगा जिसमें नौसेना बेस (बंदर अब्बास) की यात्रा और आईआरआई नौसेना के सी राइडर्स द्वारा एक दिन नौकायन प्रशिक्षण का अनुभव शामिल है।

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