भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा प्रबंधित सभी प्रमुख हवाई अड्डों के साथ-साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत संयुक्त उद्यम (जेवी) हवाई अड्डों और हवाई अड्डों पर विकलांग व्यक्तियों के लिए सुरक्षा जांच के दौरान प्राथमिकता उपचार प्रदान किया जाता है। सुरक्षा कर्मियों को विकलांग व्यक्तियों की सहायता के लिए प्रेरण के दौरान प्रशिक्षित किया जाता है और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा जारी ‘विशेष आवश्यकताओं और चिकित्सा स्थितियों वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)’ के बारे में भी संवेदनशील बनाया जाता है।
इसके अलावा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार ‘नागरिक उड्डयन के लिए सुलभता मानक और दिशानिर्देश’ तैयार किए जा रहे हैं, जो हवाईअड्डा ऑपरेटरों, एयरलाइंस और सुरक्षा बलों द्वारा प्रदान की जाने वाली पहुंच सुविधाओं को निर्दिष्ट करते हैं। यह विकलांग यात्रियों और कम गतिशीलता को सुरक्षित, स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने और हवाई अड्डे के टर्मिनलों के भीतर सभी सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम करेगा। मसौदा दिशानिर्देशों में सुरक्षा जांच के दौरान प्राथमिक उपचार, यात्रियों की गरिमा और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था, प्रशिक्षित हवाई अड्डे, एयरलाइंस और सुरक्षा कर्मचारियों आदि जैसी सुविधाओं के प्रावधान भी शामिल हैं।