रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित उत्पाद 14 दिसंबर, 2021 को डीआरडीओ भवन, नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह और रक्षा मंत्रालय द्वारा मनाए जा रहे विशेष सप्ताह के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सौंपे। उन्होंने सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते भी सौंपे। इससे पहले डीआरडीओ ने ’भविष्य की तैयारी’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें सशस्त्र बलों के उप प्रमुखों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अपने विचार साझा किए।
युद्ध में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देते हुए, उन्होने ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाना और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास को एक ऐसी उन्नत तकनीक के रूप में विकसित करना होना चाहिए, जिसके लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
मिशन शक्ति को विकसित करने में डीआरडीओ के वैज्ञानिक कौशल का हवाला देते हुए उन्होने ने कहा कि डीआरडीओ स्मार्ट सामग्री, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग आधारित सिस्टम, स्वार्म ड्रोन्स और एसिमेट्रिक वारफेयर आदि पर काम कर रहा है।
उन्होने ने कहा कि आॅटोमेटिक रूट से रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाकर 74 फीसदी करने, ओएफबी का काॅरपोरेटाइजेशन, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों का निर्माण, रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 बनाने, घरेलू विनिर्माण आदि के लिए रक्षा वस्तुओं की सकारात्मक सूची लाने आदि जैसी अनेक नीतिगत सुधारों के माध्यम से सरकार ’मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वल्र्ड के उद्देश्य को साकार करने के लिए संगठित तरीके से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि इन नीतियों का उद्देश्य घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत करके हमारे सशस्त्र बलों को मजबूत बनाना है। सशस्त्र बलों और गृह मंत्रालय को सौंपे गए उत्पादों में एंटी-ड्रोन सिस्टम, मॉड्यूलर ब्रिज, स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन, चैफ वेरिएंट और लाइट वेट फायर फाइटिंग सूट शामिल हैं। आने वाले ड्रोनों का पता लगाने, उन्हें रोकने और नष्ट करने के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित काउंटर ड्रोन सिस्टम रक्षामंत्री द्वारा सीआईएससी को सौंपा गया।
उन्होंने सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवने को मॉड्यूलर ब्रिज भी सौंपा। आरएंडडीई (इंजीनियर्स) द्वारा विकसित मॉड्यूलर ब्रिज मिलिट्री लोड क्लास एमएलसी-70 का सिंगल स्पैन, मेकेनिकली लॉन्च किया गया असॉल्ट ब्रिज है, और इसे अलग-अलग स्पैन में लॉन्च किया जा सकता है।
उन्होने ने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चैधरी को स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (एसएएडब्ल्यू), एक एयर लॉन्च, लॉन्ग-रेंज, स्टैंड-ऑफ, एयर-टू-सरफेस स्मार्ट बम सौंपा। एडवांस्ड चैफ के वेरिएंट नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार को सौंपे गए। डीआरडीओ के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस), दिल्ली द्वारा विकसित स्ट्रक्चरल फायर फाइटिंग सूट गृह मंत्रालय के विशेष सचिव श्री वी एस के कौमुदी को सौंपा गया।
इस कार्यक्रम के दौरान तटीय सर्विलांस रडार, आटोमेटिक केमिकल एजेंट डिटेक्शन एंड अलार्म (एसीएडीए) और केमिकल एजेंट मॉनिटर (सीएएम), यूनिट रखरखाव वाहन, यूनिट मरम्मत वाहन, फ्यूज्ड सिलिका आधारित सिरेमिक कोर प्रौद्योगिकी और अग्नि शमन जेल नामक सिस्टम/प्रौद्योगिकी के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित सात प्रणालियों के एलएटीओटी दस्तावेज सौंपे गए।