भारतीय तटरक्षक समुद्री खोज और बचाव कार्यों के लिए नोडल एजेंसी है। इसके पास समर्पित समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) और समुद्री बचाव उप केंद्र (एमआरएससी) हैं, जो खोज और बचाव (एसएआर) मिशनों के समन्वय के लिए प्राप्त संकट संदेशों का जवाब देने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। अब तक भारतीय तटरक्षक द्वारा समुद्र में संकट में फंसे 10,262 लोगों की बहुमूल्य जान बचाई गई है।

भारतीय तटरक्षक, नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करने, दिशानिर्देश और प्रक्रियाओं को तैयार करने, राष्ट्रीय खोज और बचाव योजना की प्रभावकारिता का आकलन करने और मर्चेंट मैरीनर्स, सरकारी स्वामित्व वाले जहाजों तथा समुद्री बिरादरी एवं मछुआरों द्वारा एसएआर में योगदान को मान्यता देने के लिए हर साल राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव बोर्ड(एनएमएसएआर) की बैठक आयोजित करता है।

इस वर्ष एनएमएसएआर बोर्ड की 19वीं बैठक 25 नवंबर 2021 को आयोजित की गई थी, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश अंडमान एवं निकोबार के प्रतिनिधियों को समुद्र में बहुमूल्य जीवन बचाने में अनुकरणीय योगदान के लिए नई दिल्ली में वार्षिक एसएआर (खोजबीन एवं बचाव) पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । पुरस्कार पाने वालों में कैंपबेल बे के एक मछुआरे श्री वी राजा राव शामिल थे, जिन्हें 24 जून 2021 को मछली पकड़ने वाली डूबती नाव मणिकन्ना से तीन कीमती जीवन बचाने के लिए वर्ष 2021 के लिए ‘एसएआर अवॉर्ड फ़ॉर फिशरमैन’ से सम्मानित किया गया था और अंडमान एवं निकोबार वन विभाग को इंजन फेल होने की वजह से मछली पकड़ने वाली नौका से तीन जिंदगियां बचाने के लिए ‘एसएआर अवार्ड फ़ॉर एशोर यूनिट’ से सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार समुद्र में कीमती जीवन बचाने के लिए स्वैच्छिक प्रयासों को पहचान देते हैं और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान एवं निकोबार के कर्मियों के लिए दो पुरस्कार, इन द्वीपों में खोजबीन एवं बचाव के सहयोगी तौर तरीके को मान्य करते हैं।

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