राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम) और राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान (एनआईएस), जो आयुष मंत्रालय के तहत स्वायत्त निकाय हैं, संबंधित क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के लिए केंद्रीय परिषद (सीसीआरयूएम) और सिद्ध में केंद्रीय अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस) नामक अनुसंधान परिषदें यूनानी और सिद्ध दवाओं में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल कर रही हैं। नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (NCISM) का गठन नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन एक्ट के तहत किया गया है, जिसमें NCISM एक्ट, 2020 की धारा 26 के तहत यूनानी, सिद्ध और सोवा रिग्पा बोर्ड शामिल हैं।

मंत्रालय ने देश भर में आयुष (यूनानी और सिद्ध सहित) प्रणालियों के माध्यम से COVID-19 पर अनुसंधान की सुविधा के लिए एक राजपत्र अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना के दायरे में वैज्ञानिक साक्ष्य उत्पन्न करने की दृष्टि से COVID-19 के संगरोध, स्पर्शोन्मुख और रोगसूचक मामलों के लिए रोगनिरोधी उपाय और हस्तक्षेप शामिल हैं। अब तक अनुसंधान परिषदों और राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा सिद्ध के 13 और यूनानी के 08 अध्ययन किए जा चुके हैं।

मौजूदा राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, बंगलौर का उपग्रह केंद्र गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में स्थापित किया जा रहा है। स्थापित होने पर संस्थान जनता को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।
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