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ग्लोबल हिमालयन एक्सपेडिशन (GHE) को COVID-19 महामारी के बीच जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयासों के लिए एक प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार मिला है. जीएचई एक ऐसा भारतीय संगठन है. जो पर्यटन और तकनीक का लाभ, सौर ऊर्जा तक पहुँचने के लिए उठाता है. जीएचई दूरस्थ समुदायों तक सौर ऊर्जा पहुंचाने के लिए पर्यटन और तकनीक का उपयोग करने वाला दुनिया का पहला संगठन है. ये संगठन 2020 के यूएन ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन अवार्ड के विजेताओं में शामिल है.

2020 के संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन अवार्ड्स के विजेताओं की घोषणा मंगलवार को हुई. संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) वेबसाइट पर दिए गए एक बयान के अनुसार, वर्ल्ड ट्रेवल एंड टूरिज्म काउंसिल और यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन द्वारा मान्यता प्राप्त जीएचई (GHE), दूरदराज के समुदायों में सौर ऊर्जा पहुंचाने के लिए पर्यटन और तकनीक का इस्तेमाल करने वाला दुनिया का पहला संगठन है.

जीएचई ने आज तक भारत के तीन क्षेत्रों में 131 से अधिक गांवों में सौर विद्युतीकरण किया है, जिसकी वजह से 60,000 से ज्यादा ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हुआ है. 60 अलग-अलग देशों के 1,300 से अधिक यात्री इन अभियानों का हिस्सा रहे चुके हैं. एक बयान में कहा गया कि होमस्टे टूरिज्म के जरिए आजीविका हासिल करने से गांवों की आय में 114,000 अमेरिकी डॉलर की आय हुई है, जो वार्षिक घरेलू आय से 45 फीसदी की ज्यादा है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन अवार्ड्स 2020 के विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि विजेता इस बात का ठोस सबूत देते हैं कि दुनिया भर में जलवायु कार्रवाई जोर-शोर से चल रही है.

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