केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री नारायण राणे ने आज केवीआईसी के तहत कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर द्वारा विकसित अद्वितीय एंटी-बैक्टीरियल फैब्रिक का शुभारंभ किया। कपड़े को गाय के गोबर से निकाले गए एंटी-बैक्टीरियल एजेंट से उपचारित किया जाता है जो कपड़े में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है। उन्होने ने कहा, यह अभिनव कपड़ा अस्पतालों और अन्य चिकित्सा सुविधाओं में बहुत काम आ सकता है। इससे ग्रामीण रोजगार सृजित करने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान करने में मदद मिलेगी।

मंत्री ने गाय के गोबर से बने अभिनव खादी प्रकृति पेंट और संस्थान द्वारा विकसित अद्वितीय प्लास्टिक-मिश्रित हस्तनिर्मित कागज की भी सराहना की। उन्होंने कहा, इन दोनों उत्पादों में पर्यावरण संरक्षण में योगदान करते हुए ग्रामीण रोजगार सृजित करने की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि खादी प्रकृति पेंट को देश के हर गांव तक पहुंचाने और इसे स्थायी रोजगार के मॉडल के रूप में पेश करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

उन्होने ने कहा, खादी प्रकृति पेंट एक अनूठा उत्पाद है जो रोजगार सृजन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के दोहरे उद्देश्यों की पूर्ति कर सकता है। यह पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय का लक्ष्य देश के हर हिस्से में खादी प्रकृति पेंट इकाइयां स्थापित करना है जो सरकार की ग्रामीण रोजगार पहल को बढ़ावा देगी।

उन्होने  ने अधिकारियों को स्थानीय रोजगार सृजित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक-मिश्रित हस्तनिर्मित कागज इकाइयों की स्थापना की व्यवहार्यता का पता लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, केवीआईसी द्वारा विकसित यह हस्तनिर्मित कागज इकाई सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरे से लड़ने में एक लंबा सफर तय करेगी। इससे एक तरफ प्रकृति से प्लास्टिक का कचरा साफ होगा और दूसरी तरफ हस्तनिर्मित कागज उद्योग में हजारों नए रोजगार सृजित होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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