केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए भारत की पहली वर्चुअल साइंस लैब लॉन्च की, जो छात्रों को देश भर के वैज्ञानिकों से भी जोड़ेगी। वर्चुअल लैब को एक नई शुरुआत बताते हुए उन्होने कहा कि यह न केवल देश के हर कोने में छात्रों के सभी वर्गों के लिए विज्ञान ले जाएगा, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा के अनुरूप भी है। नीति (एनईपी), जहां छात्रों को किसी भी विषय को चुनने की अनुमति है और धाराओं की अवधारणा को भंग कर दिया गया है।इससे नई सुविधा से केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सरकारी स्कूलों के छात्रों को काफी फायदा होगा और उन्हें युवाओं को पकड़ने में मदद मिलेगी।
तदनुसार, सीएसआईआर ने ‘सीएसआईआर जिज्ञासा’ कार्यक्रम के तहत एक वर्चुअल लैब प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए आईआईटी बॉम्बे के साथ साझेदारी की है, जो स्कूली छात्रों के लिए प्रयोगशाला अनुसंधान के साथ कक्षा सीखने की सुविधा प्रदान करता है। और कहा गया है कि वर्चुअल लैब के लक्षित दर्शक कक्षा VI से XII (11-18 वर्ष) के छात्र हैं, जो विभिन्न गतिविधियों का उपयोग करके विज्ञान का पता लगाना चाहते हैं।
वर्चुअल लैब का मुख्य उद्देश्य स्कूली छात्रों को नकली प्रयोगों, शिक्षाशास्त्र आधारित सामग्री, वीडियो, चैट फ़ोरम, एनिमेशन, गेमिंग, क्विज़ के साथ एक ऑनलाइन इंटरेक्टिव माध्यम पर आधारित वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्तापूर्ण शोध प्रदर्शन और नवीन शिक्षाशास्त्र प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सामग्री शुरू में अंग्रेजी में उपलब्ध होगी, लेकिन इसे हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की योजना है।
उन्होने ने कहा कि वर्चुअल लैब सीएसआईआर प्रयोगशालाओं का एक आभासी दौरा प्रदान करेगी और छात्रों को अनुसंधान के बुनियादी ढांचे के बारे में बताएगी, जो अन्यथा सुरक्षा मानकों को देखते हुए शारीरिक रूप से यात्रा करना मुश्किल होगा। मंच के पास वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने और उनके इनपुट लेने का विकल्प भी होगा।