भारत ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में पिछले वित्त वर्ष (FY21) की इसी सात महीने की अवधि की तुलना में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएंडएस) द्वारा शुक्रवार को जारी त्वरित अनुमान के अनुसार, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) उत्पादों के कुल निर्यात में अप्रैल के दौरान अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में 14.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस साल अक्टूबर।
निर्यातों में यह वृद्धि कोविड-19 के प्रतिबंधों के वाबजूद हुई है। कृषि उत्पादों के निर्यातों में इस वृद्धि को देश के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात पर जोर देते हुए किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है। अप्रैल-अक्टूबर 2021 में काजू के निर्यात में 29.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि अप्रैल-अक्टूबर 2020 में काजू का निर्यात 205.29 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 265.27 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। वाणिज्य मंत्रालय के तहत कार्यरत एपीईडीए द्वारा की गई पहलों से एक ऐसे समय में देश को इस मील के पत्थर तक पहुंचने में मदद मिली है, जब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर आने के बाद लागू किए गए प्रतिबंधों के कारण अधिकांश व्यापारिक गतिविधियों को काफी झटका लगा।
एपीडा उत्पादों का कुल निर्यात 10,157 मिलियन डॉलर से बढ़कर 11,651 मिलियन डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 22 के पहले सात महीनों में चावल के निर्यात में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। ताजे फल और सब्जियों के निर्यात में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई; जबकि अनाज की तैयारी और विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं जैसे प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के शिपमेंट में 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। देश ने अन्य अनाजों के निर्यात में 85.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जबकि मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में 15.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अप्रैल-अक्टूबर 2021 में काजू के निर्यात में 29.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।