दिनांक 21 नवंबर को माननीय रक्षा मंत्री की उपस्थिति में प्रोजेक्ट 15बी के पहले स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जहाज ‘विशाखापत्तनम’ की कमीशनिंग के साथ ही नवंबर भारतीय नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक महीना होगा। प्रोजेक्ट-75 की चौथी पनडुब्बी वेला की कमीशनिंग भी दिनांक 25 नवंबर 2021 को निर्धारित है और इस आयोजन के मुख्य अतिथि नौ सेनाध्यक्ष हैं। इसके बाद दिसंबर, 2021 की शुरुआत में सर्वे वेसललार्ज प्रोजेक्ट का पहला जहाज संधायक लॉन्च किया जाएगा ।
विशाखापत्तनम का निर्माण स्वदेशी स्टील डीएमआर 249 ए का उपयोगकर के किया गया है और यह 163 मीटर की कुल लंबाई और 7400 टन से अधिक की वहनक्षमता के साथ भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक में से एक है। जहाज में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री है जो आत्म निर्भर भारत में योगदान देगा। जहाज एक शक्तिशाली प्लेटफ़ॉर्म है जो सामुद्रिक युद्ध के पूर्ण आयामों मेंविस्तृत अनेक प्रकार के कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।
विशाखापत्तनम हथियारों और सेंसर से लैस है, जिसमें सुपरसोनिक सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मध्यम और छोटी दूरी की गन्स, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार सूट शामिल हैं। जहाज एक शक्तिशाली संयुक्त गैस प्रणोदन द्वारा चलने वाला है जो उसे 30 समुद्री मील से अधिक की गति से चलने में सक्षम बनाता है।
इस जहाज में अपनी पहुंच को और बढ़ाने के लिए दो एकीकृत हेलीकॉप्टरों के संचालन की क्षमता है। परिष्कृत डिजिटल नेटवर्क, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम और इंटीग्रेटेडप्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम समेत बहुत उच्च स्तर का स्वचालन इस जहाज़ की शान है।
प्रोजेक्ट-75 के तहत छह सबमरीन का निर्माण किया जा रहा है। वेला की कमीशनिंग के साथ परियोजना आधा रास्ता पार कर चुकी होगी। इन पनडुब्बियों का निर्माण मैसर्स एमडीएल में किया जा रहा है और निर्माणफ्रेंच स्कॉर्पीन क्लास की डिजाइन पर आधारित है। इस परियोजना के लिए फ्रांसीसी सहयोगी मैसर्स नेवल ग्रुप है।
पनडुब्बी को पश्चिमी नौसेना कमानके पनडुब्बी बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार किया गया है। पनडुब्बियोंका स्वदेशी निर्माण भारतीय निर्माण क्षमता की परिपक्वता के साथ-साथ ‘आत्म-निर्भरता’ की प्राप्ति का संकेत है। वेला चौथी सबमरीन है और उसनेअपने अधिकांश परीक्षण पूरे कर लिए हैं तथा यह युद्ध के योग्य है और ऑपरेशनलटास्किंग के लिए तैयार है।
वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ (वीसीएनएस) ने यह भी बताया किकमीशनिंग समारोह, ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ समारोहों के साथ मेल खाता है, और इसलिए आईएनएस विशाखापत्तनम और आईएनएस वेलाको शामिल करना न केवल हमारी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है बल्कि देश की आजादी के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और 1971 के युद्ध के दौरान हमारे बहादुर सैनिकों के बलिदान को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि भी है।