केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को देश के पहले खाद्य संग्रहालय का दिल्ली से वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि कृषि निर्यातकों में भारत अभी पांचवें नंबर पर है तथा अभी इसे और बेहतर बनाना है। वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनने के मकसद से किसानों के उत्पाद को दुनिया तक पहुंचाने के लिए गुणवत्ता और उत्पादकता के महत्व को रेखांकित करते हुए मंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों के निर्यात के संदर्भ में फिलहाल हम दुनिया में पांचवें नंबर पर हैं और बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली से संग्रहालय का वर्चुअल उद्घाटन करने के बाद उन्होने  ने कहा कि दुनिया भर के बेहतर तरीके अपना कर रही हम अपनी प्रक्रिया सुधार सकते हैं, प्रणाली में बदलाव ला सकते हैं, बेकार के खर्च कम कर सकते हैं और किसानों तथा उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा सकते हैं।

दुनिया आज देश को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखती है, उन्होंने कहा की हम आत्मानिर्भर भारत की दिशा में काम करना जारी रखेंगे। इस मिशन में, सरकार मजबूत और आत्मनिर्भर किसानों की छवि को साकार करने की दिशा में काम कर रही है। खाद्य संग्रहालय की ओर रुख करते हुए, उन्होने ने कहा कि यह भारत की खाद्य सुरक्षा कहानी को “जहाज से मुंह” के अस्तित्व से लेकर सबसे बड़े खाद्यान्न निर्यातक देशों में से एक बनने के लिए चित्रित करने वाला भारत का पहला संग्रहालय है। उन्होंने कहा, “तमिलनाडु अब भारत के कृषि इतिहास का घर होगा। तंजावुर तमिलनाडु की सांस्कृतिक राजधानी है। अब यह भारत के कृषि इतिहास का घर होगा।”

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