केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज महात्मा गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप के दूसरे चरण का शुभारंभ किया, जो जमीनी स्तर पर कौशल विकास को बढ़ाने में योगदान करने के लिए युवा, गतिशील व्यक्तियों के लिए अवसर पैदा करने के लिए दो साल की लंबी फैलोशिप है। दो वर्षीय फेलोशिप अकादमिक साझेदार आईआईएम द्वारा कक्षा सत्रों को जिला स्तर पर गहन क्षेत्र विसर्जन के साथ जोड़ना चाहता है ताकि विश्वसनीय योजनाएं बनाई जा सकें और रोजगार, आर्थिक उत्पादन बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को बढ़ावा देने में बाधाओं की पहचान हो सके।

उन्होंने जिला कलेक्टरों और अकादमिक साझेदार आईआईएम से इस फेलोशिप के माध्यम से फेलो की सुविधा और बदलाव की सफलता की कहानी लिखने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आत्मानिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले जबरदस्त परिवर्तन से नए कौशल और अधिक कुशल पेशेवरों की मांग पैदा होगी और इस प्रकार जिला स्तर पर कौशल मानचित्रण और तदनुसार कौशल विकास प्रयासों को निर्देशित करने की आवश्यकता होगी।

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