जम्मू-कश्मरी और लद्दाख से कृषि निर्यात में तेजी देखने को मिल रही है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाली संस्था एपीडा ने इसके लिए लगातार प्रयास किए हैं। देश से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात के लिए जिम्मेदार संस्था एपीडा के प्रयास अब रंग ला रहे हैं और केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों को इसका लाभ मिल रहा है। इसी साल मार्च-अप्रैल में एपीडा के माध्यम से जम्मू-कश्मीर का जीआई टैग प्राप्त उत्पाद कश्मीरी केसर को श्रीनगर से दुबई भेजा गया था।  वहीं जम्मू-कश्मीर में एपीडा के काम शुरू करने के बाद ही पहली बार फरवरी, 2021 में कश्मीर वैली की चेरी की पहली खेप दुबई भेजी गई थी।  यह उत्पाद वहां पर इतना पंसद किया गया कि जून-जुलाई के महीने में दोबारा ऑर्डर मिला।

घाटी से निर्यात गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर के सुगंधित चावल मुश्कबुदजी और एकाकिया शहद के शिपमेंट भेजने की योजना बनाई गई है और अगस्त महीने में दुबई, ओमान और अन्य मध्य पूर्वी बाजारों में नमूने भी भेजे जा चुके हैं।  इसी तरह इन शहरों में सेब के सैंपल भेजने की योजना भी बनाई गई है। इसी तरह एपीडा की मदद से ही लद्दाख की खुबानी का शिपमेंट पहली बार लेह से दुबई भेजा गया था।  इसके बाद अगस्त-सितंबर के महीने में लद्दाख की हलमन खुबानी की खेप भी रवाना हुई थी।

एक बयान में बताया गया है कि सीबकथॉर्न के उत्पाद जैसे जूस, पल्प, कॉन्संट्रेट, तेल और हर्बल फ्यूजन टी के नमूने सितंबर के महीने में घरेलू और विदेशी बाजारों में उत्पादों की लॉन्चिंग के लिए दिए गए हैं।  हालांकि इस काम में थोड़ा वक्त लग सकता है, लेकिन प्रक्रिया शुरू हो गई है। एपीडा ने क्षेत्र से संभावित उत्पादों को बढ़ावा देने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता और प्रचार गतिविधियों के लिए शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और जम्मू-कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन (जेकेटीपीओ) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

क्षेत्र के लिए निर्यात बुनियादी ढांचे की संभावित और आगामी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, एपीडा ने जुलाई 2021 के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्रालय, केंद्रीय भंडारण निगम और अन्य संबंधित विभागों के साथ जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक व्यापक निर्यात रसद आवश्यकताओं का मुद्दा भी उठाया था।

स्रोत