आयुष मंत्रालय ने आवेदन प्रणाली को ऑनलाइन लाकर आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी (एएसयू) दवाओं के निर्माण के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया को तेज, कागज रहित और अधिक पारदर्शी बना दिया है।  निर्माता अब लाइसेंसिंग प्राधिकरण के कार्यालय में भौतिक उपस्थिति की परेशानी से बच सकते हैं और अब www.e-aushadhi.gov.in पर लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं । आयुष मंत्रालय एक गजट आदेश ड्रग्स के कार्यान्वयन को अधिसूचित (4 जारी वें संशोधन ) नियम 2021, 1 से प्रभावी सेंट अक्टूबर, 2021।

एएसयू दवाओं का लाइसेंस हमेशा के लिए बना दिया गया है यानी एकमुश्त पंजीकरण शुल्क के साथ उत्पाद का लाइसेंस हर साल ऑनलाइन स्व-अनुपालन घोषणा जमा करने के अधीन या जब तक निलंबित या रद्द नहीं किया जाता है, तब तक वैध होगा। जबकि अधिसूचना से पहले इसकी वैधता अवधि 5 वर्ष थी।

आवेदकों को केवल अपने लाइसेंस को लागू रखने के लिए हर पांच साल में अपने गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस सर्टिफिकेशन को मान्य करवाना होगा। रुपये के प्रतिधारण शुल्क को ऑनलाइन जमा करने के साथ जीएमपी प्रमाणपत्र को भी बरकरार रखा जा सकता है। 1000. एएसयू दवाओं की निर्माण इकाई का हर 5 साल में यादृच्छिक तरीके से निरीक्षण किया जाएगा। चूंकि लाइसेंस की वैधता बढ़ा दी गई है, इसलिए किसी भी जेनेरिक एएसयू दवाओं के लिए लाइसेंस शुल्क को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दिया गया है। १० मालिकाना एएसयू दवाओं के लिए ३०००।

मंत्रालय ने लाइसेंस देने में लगने वाले अधिकतम समय को भी तीन महीने से घटाकर दो महीने कर दिया है।  गजट अधिसूचना की तारीख से छह महीने के लिए, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों आवेदन प्रक्रिया अस्तित्व सह से पहले ही बदल जाता है पूरी तरह से ऑनलाइन। आवेदन प्रणाली को ऑनलाइन करने से पूरी प्रक्रिया में एकरूपता आएगी। आयुष मंत्रालय लाइसेंसिंग प्रक्रिया में एक सूत्रधार के रूप में कार्य करेगा।  इन सुधारों/उपायों से एएसयू दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करते हुए व्यापार करने में आसानी लाने के इरादे से एएसयू औषधि निर्माताओं पर नियामक अनुपालन बोझ कम होगा।

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