छत्तीसगढ़ में मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्य अब अपनी चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए एम्स, रायपुर के डाक्टरों से परामर्श कर सकेंगे। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने टेलीमेडिसिन सेवाओं पर एक पायलट परियोजना शुरू की, जिसे राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के माध्यम से केंद्रीय क्षेत्र के प्रमुख कार्यक्रम प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाइ) के अंतर्गत एम्स रायपुर द्वारा मछुआरा सहकारिताओं के सदस्यों के लिए संचालित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्य, जब भी चिकित्सा आवश्यकता हो, टेलीमेडिसिन सुविधा के माध्यम से अपने दूरस्थ स्थानों से एम्स, रायपुर के स्वास्थ्य विशेषत्रों से संपर्क करने में सक्षण होंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री ने एम्स रायपुर के निदेशक डा. नितिन एम. नागरकर को 50 लाख रुपये की परियोजना के लिए चेक सौंपने का निर्णय लिया है। एम्स, रायपुर द्वारा अगले तीन वर्षों के लिए एक स्टार्टअप गतिविधि के रूप में प्रस्तावित, परियोजना पांच केंद्रों नामत: पीएचसी पाटन (दुर्ग जिला), पीएचसी साजा (बेमेतरा), पीएचसी रतनपुर (बिलासपुर), पीएचसी धमतरी (धमतरी) और एम्स रायपुर (रायपुर) से पायलट मोड में शुरू की जा रही है। यह केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार, एनसीडीसी और एम्स रायपुर का संयुक्त प्रयास है।

टेलीमेडिसिन सुविधा की शुरूआत करने का निर्णय इस बात को जानने के बाद लिया गया कि सहकारी समितियों के कई सदस्य दूरस्थ इलाकों में रहने, गरीबी या कोविड के डर के कारण चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाने से बच रहे थे। बाद में, इस परियोजना के अंतर्गत और भी जिलों को शामिल किया जाएगा। श्री संदीप नायक एमडी, एनसीडीसी ने बताया कि सुविधाओं की शुरूआत करने के साथ ही सरकार का उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य में अपनी-अपनी सहकारी समितियों से जुड़े मछुआरा और महिला मछुआरा समुदाय के बीच स्वास्थ्य असमानताओं की खाई को भरना है।

उन्होने ने कहा कि “यह विचार दूरदराज के इलाकों में मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने के साथ ही उनके चिकित्सा खर्च में कमी लाने के लिए है। दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का पदार्पण होने से मत्स्य समुदाय के बीच स्वास्थ्य जागरूकता भी उत्पन्न होगी।” उन्होंने बताया कि परामर्श के बाद अगर यह लगा कि रोगी को और ज्यादा विशेष उपचार की आवश्यकता है तो एम्बुलेंस सेवाएं भी उपलब्ध होगी।

जतिंद्र नाथ स्वैन, सचिव, मत्स्य विभाग ने एनसीडीसी के साथ एम्स रायपुर के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “इससे उन्हें रोकथाम, रोगनिदान और स्वास्थ्य स्थिति के संदर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी।“ यह स्टार्टअप के लिए अभिनव परियोजनाओं की शुरूआत करने में मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा।

स्रोत <pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1756529https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1756529>