आत्मनिर्भर भारत के हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट्स के लिए उत्पादन से सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी प्रदान की है। अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में ड्रोन जबरदस्त लाभ प्रदान करते हैं। इनमें शामिल हैं – कृषि, खनन, बुनियादी ढांचा, निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया, परिवहन, भू-स्थानिक मानचित्रण, रक्षा और

केंद्र सरकार द्वारा 25 अगस्त 2021 को जारी उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 के अनुवर्ती के रूप में पीएलआई योजना आई है। पीएलआई योजना और नए ड्रोन नियमों का उद्देश्य आगामी ड्रोन क्षेत्र में सुपर-सामान्य विकास को प्रेरित करना है।

नए नियमों और प्रोत्साहन योजना के लिए धन्यवाद, जिसके कारण ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माण उद्योग में अगले तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो सकता है। ड्रोन निर्माण उद्योग का वार्षिक बिक्री कारोबार 2020-21 में 60 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 900 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। ड्रोन निर्माण उद्योग से अगले तीन वर्षों में 10,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

ड्रोन सेवा उद्योग (संचालन, रसद, डेटा प्रसंस्करण, यातायात प्रबंधन आदि) बहुत बड़े पैमाने पर मौजूद है। अगले तीन वर्षों में इसके बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। ड्रोन सेवा उद्योग से तीन वर्षों में पांच लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

स्रोत