भारतीय रेल ने रेलवे के समक्ष उपस्थित कई बाधाओं के कारण कई वर्षों से लंबित रखरखाव के कार्य के निष्पादन पर ध्यान केंद्रित किया है। इस श्रृंखला में, भारतीय रेल ने पश्चिम मध्य रेलवे जोन की भोपाल-इटारसी तीसरी लाइन परियोजना के बारखेड़ा-बुदनी (26.50 किमी) खंड के बीच बड़ी लाइन तीसरी लाइन के लिए व्यापक तरीके से प्रमुख सुरंग निर्माण कार्य आरंभ किया है।
भारतीय रेल की पीएसयू, रेल विकास निगम लिमिटेड मध्य प्रदेश के सीहोर तथा रायसेन जिलों में पश्चिम मध्य रेलवे की भोपाल डिवीजन की भोपाल-इटारसी रूट पर बारखेड़ा-बुदनी के बीच तीसरी विद्युतकृत ब्रौड गेज की रेल लाइन के संबंध में कंकड़ रहित ट्रैक वाली एनएटीएम (नई ऑॅस्ट्रियन सुरंग निर्माण पद्धति) के साथ पांच सुरंगों का निर्माण कर रही है।
इससे दिल्ली-चेन्नई रूट के गोल्डेन डायगनल पर भीड़भाड़ में कमी आएगी। तीसरी लाइन की कमीशनिंग के साथ रेलगाड़ियां बीना-भोपाल-इटारसी खंड के बीच 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी।
क्षमता संवर्धन के लिए, भोपाल-इटारसी खंड की तीसरी लाइन पर निर्माण कार्य की मंजूरी रेलवे बोर्ड पर तीन अलग कार्यों अर्थात
- हबीबगंज (एचबीजे)- बारखेड़ा (बीकेए)-41.42 किमी-कार्य संपन्न
- बारखेड़ा (बीकेए)-बुदनी (बीएनआई)-26.5 किमी-कार्य प्रगति पर
- बुदनी (बीएनआई)-इटारसी (ईटी)-25 किमी-कार्य संपन्न
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
आरवीएनएल इन सुरंगों का निर्माण घोड़े की नाल खंड में कर रही है। इस रूप में, एक अर्धगोलाकर छत होती है जिसके साथ धनुषाकार साइड तथा एक घुमावदार इनवर्ट होता है। इस सुरंग का निर्माण करने के लिए जो पद्धति उपयोग में लाई जाती है, वह एनएटीएम (नई ऑस्ट्रियन सुरंग निर्माण पद्धति) कहलाती है। एनएटीएम स्पे्रड कंक्रीट, ऐंकर्स तथा अन्य सपोर्ट के माध्यम से सुरंग की परिधि को स्थिर करती है तथा स्थिरता को नियंत्रित करने के लिए निगरानी का उपयोग करती है।
इन सुरंगों के स्थान हैं: –
-315 एमएम ब्यास मध्य नाली की खुदाई और संस्थापन कार्य प्रगति पर है
– नो फाइन कंक्रीट के साथ 160 एमएम ब्यास छिद्रित साइड नाली की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
-वाटरप्रूफिंग स्थापना का कार्य प्रगति पर है
-इनवर्ट लाइनिंग (निचला आरसीसी) का कार्य प्रगति पर है
सुरंग का निर्माण 500 मीटर की गोलाई में हुआ था। टनल 5 की कुल लंबाई 530 मीटर और चौड़ाई 14.4 मीटर है जो असाधारण है क्योंकि यह एक डबल ट्रैक सुरंग है। सिंगल ट्रैक सुरंग का निर्माण भारतीय रेल में प्रचलित रहा है। चूंकि टनल 5 वन अभ्यारण्य में पड़ता है, इसलिए बहुत सख्त प्रक्रियाओं का अनुपालन किया गया जिनमें सूर्योदय से सूर्यास्त तक एक ही पाली में सुरंग का निर्माण कार्य किया जाना शामिल है। सुरंग का निर्माण प्रक्रिया के तहत दोनों तरफ से मई 2020 में आरंभ हुआ और फरवरी 2021 में पूरी सुरंग की खुदाई 19.02.2021 को संपन्न हो गई। दोनों तरफ से सुरंग की खुदाई शून्य त्रृटि के साथ बिल्कुल सटीक तरीके से खुदी है और इस प्रकार पूरी सटीकता बरती गई जिसका परिणाम बिल्कुल सही ब्रेकथ्रू के रूप में आया। भारी मानसून तथा लॉकडाउन की अवधि के तीन महीनों के बावजूद इसे पूरा कर लिया गया। सभी सुरक्षा मानदंडों का सफलतापूर्वक पालन किया गया।
वर्तमान स्थिति:
-डबल ट्रैक सुरंग टी-5 की हेंडिंग और बेंचिंग द्वारा 09.05.2021 को पूरी खुदाई संपन्न हो गई।
-इनवर्ट सफाई और पीसीसी कार्य प्रगति पर हैं
– -315 एमएम ब्यास मध्य नाली की खुदाई और संस्थापन कार्य प्रगति पर है
– नो फाइन कंक्रीट के साथ 160 एमएम ब्यास छिद्रित साइड नाली की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
-वाटरप्रूफिंग स्थापना का कार्य प्रगति पर है
-इनवर्ट लाइनिंग (निचला आरसीसी) का कार्य प्रगति पर है।