आदिवासी समाज के आर्थिक सशक्तिकरण और ‘लोकल फॉर वोकल’ को प्रोत्साहन देने के लिए दुनिया भर में 75 भारतीय दूतावासों में ट्राईब्स इंडिया की शॉप खोली जाएंगीं। जो कि स्थायी आय सृजन और देश के जनजातीय लोगों के रोजगार के क्षेत्रों में वास्तव में परिवर्तनकारी होगा। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि 75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दुनिया भर के 75 भारतीय मिशनों और दूतावासों में ‘आत्मनिर्भर कॉर्नर’ स्थापित करने का फैसला किया गया है। पहले आत्मनिर्भर भारत कॉर्नर का उद्घाटन स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर थाईलैंड के बैकांक स्थित भारतीय दूतावास में किया गया।
इसके लिए, ट्राईफेड जनजातीय उत्पादों के साथ-साथ जीआई टैग उत्पादों को बढ़ावा देने और जनजातीय कारीगरों के सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में उन्हें एक ब्रांड में बदलने के लिए कई मंत्रालयों जैसे संस्कृति मंत्रालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय डाक, पर्यटन मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।
भारत में स्वदेशी उत्पादों की एक समृद्ध विरासत है, चाहे वह हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पाद हों या अन्य उत्पाद। राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में ट्राईफेड उन स्वदेशी उत्पादों को बाजार में लाने और बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है, जिनका उत्पादन देश भर के जनजातीय समूह सदियों से कर रहे हैं।
मंत्रालय ने बताया कि जमैका, आयरलैंड, तुर्की, केन्या, मंगोलिया, इजराइल, फिनलैंड, फ्रांस, कनाडा, सिंगापुर, रूस, अमेरिका, इंडोनेशिया, ग्रीस और साइप्रस जैसे देश शामिल हैं। यह ‘आत्मनिर्भर कॉर्नर’ प्राकृतिक एवं जैविक उत्पादों के अलावा जीआई टैग वाले आदिवासी कला और शिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष स्थान होगा। इनकी स्थापना ट्राईफेड करेगा। अगले 90 दिन में इनकी आत्मनिर्भर भारत कार्नर स्थापित कर दी जाएगी।