1971 के युद्ध में भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) में स्वर्णिम विजय वर्ष की ‘विजय ज्वाला’ को औपचारिक रूप से स्थापित किया गया। इसे आंध्र प्रदेश की माननीय गृह मंत्री श्रीमती मेकाथोती सुचरिता और ईएनसी के एवीएसएम व वीएसएम फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह ने 03 सितंबर 21 को विशाखापत्तनम के ‘विक्टरी एट सी’ युद्ध स्मारक आर के समुद्री तट पर आयोजित एक शानदार समारोह में स्थापित किया। 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले कुशल नौसैनिकों की उपस्थिति में इस समारोह को आयोजित किया गया। इस स्मारक कार्यक्रम में नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों और आंध्र प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

कमांडर-इन-चीफ और माननीय गृह मंत्री ने इस स्थापना समारोह का शुभारंभ पुष्पांजलि अर्पित करके किया। वहीं राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वालों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया। भारतीय नौसेना दल द्वारा एक प्रभावशाली समारोह के बीच औपचारिक ढंग से इस विजय मशाल को लाया गया।

साल 2021, 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत की 50वीं वर्षगांठ है और इस वर्ष को उन भारतीय सैनिकों के सम्मान में ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है, जिन्होंने कर्तव्य पालन में अपना जीवन दांव पर लगा दिया। इस समारोह को मनाने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में चार विजय मशालें जलाई थीं। इन चार विजय मशालों ने चार प्रमुख दिशाओं के माध्यम से देशभर में अपनी यात्रा शुरू की। ये मशालें 1971 के युद्ध का हिस्सा रहे सैनिकों के गांवों से होकर गुजर रही हैं। आईएनएस सुमित्रा पर पोर्ट ब्लेयर से विशाखापत्तनम पहुंचने से पहले दक्षिण कार्डिनल के लिए बेंगलुरु, कोयंबटूर, कोच्चि व मदुरै और चेन्नई के रास्ते विजय मशाल परेड की गई थी।

यह विजय मशाल शहर के विभिन्न विद्यालयों की यात्रा करेगी और उसके बाद राजमुंदरी, विजयवाड़ा और नलगोंडा से होते हुए हैदराबाद की अपनी आगे की यात्रा शुरू करेगी। देश के विभिन्न हिस्सों से विजय मशाल 16 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में मिलेगी, जहां मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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