केंद्र सरकार ने आज अंकलेश्वर, गुजरात में भारत बायोटेक की चिरोन बेहरिंग वैक्सीन सुविधा से COVAXIN का पहला वाणिज्यिक बैच जारी किया। इस अवसर सरकार के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए श्री. एम अंशुख मंडाविया ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के विजन के कारण ही भारत अपना पहला स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने में सक्षम हुआ है। उन्होंने टिप्पणी की कि भारत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक चला रहा है और यह इन स्वदेशी टीकों के विकास के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी, 2021 से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक चल रहा है।
भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ कृष्णा एला ने कहा, “वैश्विक सुरक्षा और प्रभावकारिता मानकों के साथ एक टीका विकसित करने का हमारा लक्ष्य अब हासिल कर लिया गया है, अब हम ~ 1.0 अरब खुराक की वार्षिक क्षमता के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।”
अंकलेश्वर सुविधाओं से COVAXIN के पहले बैच को राष्ट्र को समर्पित करते हुए, उन्होने ने कहा कि यह COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई की यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण है। कोविड-19 टीकों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि से भारत में टीकाकरण की गति को और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत बायोटेक और ज़ायडस कैडिला दो कंपनियों के टीकों का अनुसंधान और उत्पादन भारत में हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि आज से अंकलेश्वर संयंत्र की प्रति माह 1 करोड़ से अधिक खुराक की निर्माण क्षमता है।
वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत के योगदान के बारे में बात करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे भारत हमेशा COVID स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक दवाओं के साथ अन्य देशों की मदद करने में सबसे आगे रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक अन्य देशों में अपने भागीदारों के साथ विनिर्माण साझेदारी की भी तलाश कर रहा है, जिनके पास आगे बढ़ाने के लिए जैव सुरक्षा नियंत्रण के तहत निष्क्रिय वायरल टीकों के वाणिज्यिक पैमाने पर निर्माण के साथ पूर्व विशेषज्ञता है।
स्रोत <pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1750124>