खान मंत्रालय के तहत 170 साल पुराने प्रमुख भूवैज्ञानिक संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने वर्ष 2020 में जीएसआई मोबाइल ऐप (बीटा संस्करण) लॉन्च किया। और अब इसे सुलभ बनाने के लिए इसे समय-समय पर अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है। जनता के लिए और डिजिटल रूप से अपनी स्थिति को मजबूत करना। ऐप के माध्यम से लोग जीएसआई की गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं के बारे में अधिक जागरूक हो सकेंगे।

यह केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया अभियान के अनुरूप भी है। ऐप वर्तमान में एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और इसे Google Play Store से डाउनलोड किया जा सकता है। 27 अगस्त, 2020 को लॉन्च होने के बाद से, ऐप को देश भर में हजारों लोगों द्वारा डाउनलोड किया गया है और विभिन्न समीक्षाओं में 4.5 स्टार और Google Play Store पर 3+ रेटिंग भी दी गई है। ऐप में कई सेक्शन हैं। जहां इस पर जीएसआई की विरासत, संगठन के इन-हाउस प्रकाशन, जीएसआई के विभिन्न मिशनों पर व्यक्तिगत केस स्टडीज, पिक्चर गैलरी आदि के बारे में सामग्री उपलब्ध है। ई-न्यूज डिवीजन नवीनतम समाचारों के बारे में जनता को अपडेट करता है। जो जीएसआई के साथ काम और करियर के अवसरों और प्रशिक्षण सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।

जीएसआई का प्रमुख काम नीति निर्धारण के फैसले, वाणिज्यिक और सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं पर ध्यान देते निष्पक्ष उद्देश्यपूर्ण, अप-टू-डेट भूवैज्ञानिक विशेषज्ञता और सभी प्रकार की भू-वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना शामिल है। जीएसआई भारत और इसके ऑफशोर क्षेत्रों की सतह और उपसतह से प्राप्त सभी भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के व्यवस्थित दस्तावेजीकरण पर भी जोर देता है। संगठन भूभौतिकीय और भू-रासायनिक और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षणों सहित नवीनतम और सबसे बेहतर लागत प्रभावी तकनीकों और कार्यप्रणाली का उपयोग करता है।

सर्वेश्रण, प्रबंधन, समन्वय और स्थानीय डाटाबेस (रिमोट सेंसिंग के माध्यम से हासिल किए गए) के उपयोग के माध्यम से जीआईएस की क्षमता में लगातार बढ़ोतरी हुई है। यह रिपॉजिटरी या ‘क्लीयरिंग हाउस’ के रूप में कार्य करता है, जिससे कि आधुनिक कंप्यूटर आधारित तकनीकी का इस्तेमाल कर  भू-वैज्ञानिक सूचना और स्पेशियल डाटा डाटा का संबंधित पक्षों के साथ सहयोग और साझेदारी के जरिए प्रसार किया जा सके।

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