केन्द्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान ने ट्रैक्टर से चलने वाली स्पैडिंग मशीन और बीज क्यारी तैयार करने में इसके अनुप्रयोग के बारे में जानकारी दी। किसी भी फसल को बोने से पहले मिट्टी की जुताई की जाती है। प्रो. हिरानी ने बताया कि ट्रैक्टर ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा सीड बेड ऑपरेशन में उपयोग किया जाता है जिससे किसानों के लिए उच्च परिचालन लागत होती है।

सीएमईआरआई में विकसित स्पैडिंग मशीन जुताई की लागत को कम करती है और मिट्टी की इसकी प्रभावशीलता में सुधार करती है। इस मशीन को इस तरह बनाया है कि ये कंपन कम करेगी और ट्रैक्टर ऑपरेटर के आराम को बढ़ाने में फायदेमंद है। स्पैडिंग के दौरान मिट्टी का टूटना मैनुअल निराई के समान है क्योंकि यह मैनुअल मिट्टी काटने की क्रिया का अनुकरण करता है

प्रो हरीश हिरानी के मार्गदर्शन में इस तकनीक के विकास पर काम करने वाले वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री जगदीश माणिकराव ने मशीन की कार्यप्रणाली और अन्य तकनीकी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अन्य जुताई उपकरणों की तुलना में, मशीन उपसतह मिट्टी का कोई संघनन नहीं बनाती है और मिट्टी की एरोबिक गुणवत्ता और जल निकासी में सुधार करती है।

मशीन अपने सजातीय कामकाज और मिट्टी के एक समान मोड़ के कारण बड़े कार्बनिक पदार्थों को भी शामिल कर सकती है। स्पैडिंग मशीन ट्रैक्टर पीटीओ द्वारा संचालित होती है जो 540 आरपीएम की मानक गति से घूमती है, गति में कमी करके गियर के माध्यम से क्रैंक को शक्ति का संचार किया जाता है। इस मशीन की कार्य चौड़ाई 1800 मिमी है और इसे 45 एचपी से अधिक शक्ति वाले किसी भी ट्रैक्टर से संचालित किया जा सकता है।

उन्होने ने नव विकसित कृषि प्रौद्योगिकी को राष्ट्र को समर्पित किया और एमएसएमई को प्रोत्साहित किया, जिनके पास एमबी प्लॉ, रोटावेटर आदि जैसे जुताई उपकरण के लिए विनिर्माण सुविधाएं थीं, और स्टार्ट-अप्स को भारतीय छोटे और सीमांत किसानों को अधिकतम तकनीक तक ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया। उपयोग।

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