प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2024 तक देश के हर घर में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के सपने को पूरा करते हुए जल जीवन मिशन ने आज, 23 महीने की छोटी अवधि में एक लाख गांवों में हर घर में नल के पानी की आपूर्ति करने का ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत के समय, देश के 18.94 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17%) घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन ने 23 महीनों के दौरान 4.49 करोड़ नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए और 50 हजार ग्राम पंचायतों में हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराकर इन पंचायतों में ‘हर घर जल’ पहुंचाने का लक्ष्य हासिल कर लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के ²ष्टिकोण के बाद, मिशन का आदर्श वाक्य है कि कोई भी छूट न जाए और गांव के हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराया जाए। वर्तमान में 71 जिलों, 824 प्रखंडों, 50,309 ग्राम पंचायतों और 1,00,275 गांवों ने हर घर जल का लक्ष्य हासिल कर लिया है। जल जीवन मिशन केवल जल आपूर्ति बुनियादी ढांचा प्रदान करने के बजाय जल सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित करता है। जेजेएम के तहत, उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक घर की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद नल के पानी की आपूर्ति हो।
प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा 3.60 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 2020-21 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 11,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जल जीवन मिशन के तहत, पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को नल जल आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा सरकार की प्राथमिकता में जल गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र, सूखे के संभावित गांव, रेगिस्तानी क्षेत्र आदि भी शामिल हैं।
राज्यों के साथ साझेदारी में काम करते हुए, जल जीवन मिशन 2024 तक भारत के प्रत्येक ग्रामीण घर में नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में और निर्धारित गुणवत्ता में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के सभी प्रयास कर रहा है।