केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, साथ ही एक्सपोर्ट में भी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का प्रभाव कम हो रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही यानी पहले तीन महीने- अप्रैल, मई और जून में भारत ने एक्सपोर्ट में इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल किया है।
उन्होने ने कहा कि सेक्टर आधारित कदम, सभी हितधारकों की भागीदारी और सरकार की समग्र भागीदारी ने ग्रोथ हासिल करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं का सरलीकरण, समय सीमा और लाइसेंस का विस्तार जैसे कदमों का परिणाम है कि देश से रिकॉर्ड निर्यात हुआ है। गोयलन ने माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को विशेष रूप से आगे आकर नेतृत्व करने और केंद्रीय बजट के बाद वेबिनार के माध्यम से संबंधित पक्षों के साथ चर्चा करने और सभी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होने ने कहा कि महामारी के बावजूद सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 में सेवा क्षेत्र के निर्यात का करीब 97 फीसदी लक्ष्य हासिल किया गया था। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद, उन्हें विश्वास है कि 2025 तक सेवा क्षेत्र से 350 अरब अमरीकी डॉलर का निर्यात हासिल किया जा सकता है, और उसके बाद जल्द ही उसे 500 अरब अमरीकी डालर तक पहुंचाया जा सकता है। उन्होने ने कहा कि ये भारत के इतिहास में 2021-22 की पहली तिमाही में अब तक का सबसे अधिक 95 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया है।
ज्यादा श्रमिक आधारित कई क्षेत्रों के निर्यात में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इंजीनियरिंग उत्पाद क्षेत्र में निर्यात 2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में 5.2 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ा है। इसी तरह चावल के निर्यात में मई 2020 से लगातार बढ़ोतरी बनी हुई है और 2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में 2021-22 की पहली तिमाही में 37 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। भारत ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अप्रैल 2020 में निर्यात क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया था। अप्रैल 2019 की तुलना में, अप्रैल 2021 के दौरान भारत के निर्यात में बढ़ोतरी, यूरोपीय संघ, जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य और यूनाइटेड किंगडम जैसी अन्य प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक थी।
भारत के इतिहास में 2021-22 की पहली तिमाही में अब तक का सबसे अधिक 95 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया है। यह 2020-21 की पहली तिमाही के निर्यात से 85 फीसदी और 2019-20 की पहली तिमाही के निर्यात से 18 फीसदी अधिक है। जो कि वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में हुए पिछले अधिकतम निर्यात (82 अरब अमेरिकी डॉलर) की तुलना में 16 फीसदी अधिक है और 2020-21 की चौथी तिमाही (90 अरब अमेरिकी डॉलर) के अधिकतम निर्यात के रिकॉर्ड से भी ज्यादा है।
उन्होने बतत्य कि बिजनेस करना आसान करने और कंप्लायंस बोझ को कम करने के लिए पहले चरण में 6,426 कंप्लायंस कम किए गए हैं। दूसरे चरण में 3,177 कंप्लायंस कम किए जा रहे हैं। पहले चरण की समय सीमा 31 मार्च 2021 थी और दूसरे चरण की समय सीमा 15 अगस्त 2021 है। क्लीयरेंस और अनुमोदन प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली एक वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म है। एकीकरण के पहले चरण में 43 विभागों/मंत्रालयों और 14 राज्यों के एकल खिड़की प्रणाली को शामिल किया जा रहा है। इसके प्री-लॉन्च संस्करण का व्यापक परीक्षण किया जा रहा है और हम एक सॉफ्ट लॉन्च की तैयारी कर रहे हैं।
माननीय मंत्री ने अपनी बात यह कहते हुए समाप्त किया, कि दुनिया भारत को एक भरोसेमंद और विश्वसनीय साझीदार के रूप में देख रही है। और वह तय समय पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और सेवाएं देने की भारत की क्षमता पर अधिक भरोसा करती है। वस्तुओं और सेवाओं का विस्तार होने से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, राजस्व में वृद्धि होगी और सरकार वंचित वर्ग के लोगों की कहीं बेहतर तरीके से मदद कर सकेंगी।