रीयर एडमिरल कपिल मोहन धीर ने सैन्य मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव (नौसेना एवं रक्षा स्टाफ) का पदभार संभाल लिया है। वह इस असाइनमेंट पर आने वाले पहले सशस्त्र बल अधिकारी हैं। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला, पुणे के पूर्व छात्र हैं और उन्हें दिनांक 1 जनवरी 1985 को भारतीय नौसेना में कमीशन प्रदान किया गया था।
वह वरिष्ठतम सेवारत मरीन कमांडो (मार्कोस) हैं और उन्होंने अनेक अग्रिम तटीय तथा जलीय ज़िम्मेदारियों में पद संभाला है जिसमें प्रतिष्ठित मार्कोस प्रतिष्ठान आईएनएस अभिमन्यु, नौसेना के युद्धपोत आईएनएस खंजरएवं आईएनएस राणाकी कमान शामिल है, तथा देश के भीतर और बाहर शांति मिशन जिसमें ‘ऑपेरशन पवन’ और ‘ऑपेरशन जुपिटर’ शामिल हैं। वह महत्वपूर्ण ऑपरेशनल तथा स्टाफ नियुक्तियों पर भी रहे हैं जिनमें पूर्वी बेड़े के फ्लीट ऑपरेशंस ऑफिसर और कमोडोर इंचार्ज वर्कअप, इंडियन नेवल वर्कअप टीम (आईएनडब्ल्यूटी), कोच्चि शामिल हैं।
नौसेना मुख्यालय तथा एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय में विभिन्न जिम्मेदारियां संभालने वाले इस अधिकारी को रक्षा मंत्रालय का समृद्ध अनुभव है। एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय में एसीआईडी (पीपी एंड एफएस) के रूप में उन्होंने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ स्वदेशीकरण पर अधिक ध्यान देने के अलावा अधिग्रहण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके ‘मेक इन इंडिया’ पहल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रमुख नीतियों का शिल्पकार होने के नाते उनके कुछ योगदानों में ‘रणनीतिक साझेदारी (एसपी) मॉडल, संशोधित ‘मेक-II’ और ‘मेक-III’ प्रक्रियाएं, साथ ही ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची’ शामिल हैं। रक्षा क्षेत्र में योजना निर्माण के प्रति प्रणालीगत दृष्टिकोण शुरू करने के अलावा उन्होंने क्षमता विकास में सेना के तीनों अंगों के बीच एकीकरण को भी आगे बढ़ाया है।
वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली से ग्रेजुएट हैं।
उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ और ‘अतिविशिष्ट सेवा मेडल’ भी मिला है।