टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित
केंद्र सरकार ने 162 से ज्यादा ऑक्सीजन संयंत्र लगाने को मंजूरी दे दी है। क्योंकि देश में कोरोनोवायरस मामलों में सर्पिलिंग के मामलों में चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग बहुत जायद है। पीएसए प्लांट ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं और मेडिकल ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों को अपनी आवश्यकता के अनुसार आत्मनिर्भर बनाने में मदद करते हैं, जबकि मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए राष्ट्रीय ग्रिड पर बोझ को कम करते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि 162 ऑक्सीजन संयंत्र में से 33 पहले ही स्थापित किए जा चुके है, जिनमें से पांच मध्यप्रदेश में, चार हिमाचल प्रदेश में, तीन-तीन चंडीगढ़, गुजरात और उत्तराखंड में और दो-दो बिहार, कर्नाटक, और तमिलनाडु में बनाए गए हैं।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, पंजाब और उत्तर प्रदेश में एक-एक संयंत्र लगाया गया है। अप्रैल के अंत तक 59 से अधिक पीएसए संयंत्र लगाए जाएंगे, जबकि मई-अंत तक 80 और संयंत्र लगाए जाएंगे। इसके अलावा, राज्यों ने 100 से अधिक ऐसे अतिरिक्त संयंत्रों के लिए अनुरोध किया है। 162 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की पूरी लागत 201.58 करोड़ रुपये की होगी, लागत का वहन केंद्र सरकार ने किया है। इसमें तीन साल की वारंटी के बाद 4 साल से शुरू करने के लिए 7 साल की रखरखाव लागत भी शामिल है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन विदेश से आयात किए जाने की जानकारी दी थी। केंद्र सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी, जबकि इसके संसाधनों और उत्पादन क्षमता का अत्यधिक मामलों वाले 12 राज्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चिह्नीकरण किया गया है। इसने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसके लिए निविदा प्रक्रिया को पूरा करने तथा विदेश मंत्रालय के मिशनों द्वारा चिह्नित आयात के लिए संभावित संसाधन तलाशने का भी निर्देश दिया गया है।