इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार

सचिव, श्रम और रोजगार, और आरएसएलडीसी के अध्यक्ष नीरज के पवन ने शुक्रवार को सूचित किया कि प्रशिक्षण भागीदारों को वेबसाइट और समाचार पत्रों के माध्यम से 27 फरवरी से रोजगार सृजन, आत्मनिर्भरता और गरीबों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई तीन नई योजनाएँ – ‘सकाम’, ‘समर्थ’ और ‘राज क्विक’।

उन्होने ने शुक्रवार को राजस्थान कौशल शिखर सम्मेलन के चौथे संस्करण के उद्घाटन सत्र में भाषण देते हुए यह बात कही। यह  राजस्थान राज्य परिषद द्वारा राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम (RSLDC) के सहयोग से आयोजित किया गया था।

‘सकाम’ योजना का उद्देश्य एक व्यक्ति को आत्मनिर्भर और एक नौकरी निर्माता बनाना है। ‘समर्थ’ एक ऐसी योजना है, जिसका उद्देश्य दलितों के लिए कौशल की एक टोकरी पेश करना है और जो समाज के सीमांत वर्ग जैसे ट्रांसजेंडर, भिखारियों आदि से संबंधित हैं, राज क्विक ’रोजगार सृजन पर आधारित है। यह सुनिश्चित करता है कि जो लोग कुशल हैं, उन्हें न्यूनतम तीन महीने तक काम करने का अवसर भी दिया जाएगा।

स्रोत