रक्षा मंत्री  ने कहा कि आज हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। जिसे डिफेंस सेक्टर के लिए आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण अब तक दूर की कौड़ी समझी जाती थी, वह सेक्टर भी स्वदेशीकरण की ओर लम्बे कदम आगे बढ़ा रहा है। इसमें डीआरडीओ की एक अहम भूमिका है। स्टार्ट-अप इंडिया, ग्रामोद्योग विकास योजना और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रारंभ से ही कौशल विकास के कोर्स की बात चली आ रही है। ये सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारे युवाओं के स्किल को बढ़ावा देना सुनिश्चित करेगा।

उन्होने ने पिलखुआ (उत्तर प्रदेश) में वर्चुअल माध्यम से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के स्किल डेवलपमेंट सेंटर का उद्घाटन किया। इसी समारोह में उन्होंने कहा कि स्किल का हमारे जीवन में क्या महत्व है, यह बताने की जरूरत नहीं है। मानव सभ्यता का इतिहास हमें बताता है कि वही लोग, वही राष्ट्र आगे बढ़े हैं, जिन्होंने मौजूदा स्किल में महारथ हासिल की है, साथ ही नई-नई स्किल विकसित भी की हैं। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के पिलखुआ में अग्नि सुरक्षा को समर्पित डीआरडीओ के  कौशल विकास केंद्र के उद्घाटन मौके पर कुशल अग्निवीर उपस्थित हैं। यह केंद्र अग्नि सुरक्षा, एकीकृत सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की सफलता में यह एक नया आयाम है।

उन्होने ने कहा कि यह कौशल केंद्र भी आने वाले समय में हमारे देश के लोगों और उनकी संपत्तियों की सुरक्षा में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ साबित होगा। उन्होंने डीआरडीओ की सराहना करते हए कहा कि आज चाहे मास्क, पीपीई किट हो, परीक्षण प्रयोगशालाओं या फिर नि:शुल्क पेटेंट देने की बात हो, तेजस और अर्जुन टैंक की बात हो या फिर इस तरह के कौशल विकास केंद्र का निर्माण हो, सभी क्षेत्रों में यह संगठन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। आज हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। डिफेंस सेक्टर भी स्वदेशीकरण की ओर लम्बे कदम आगे बढ़ा रहा है, जिसमें भी डीआरडीओ की अहम भूमिका है।

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