प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने बुधवार को तमिलनाडु में एन्नौर-थिरुवल्लूर-बेंगलुरु-पुदुचेरी-नागापट्टिनम-मदुरै-तूतीकोरिन प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के रामनाथपुरम- थूथूकुडी खंड का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़ते हुए प्रधानमंत्री ने मनाली स्थित चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की गैसोलीन सल्फर रहित (डिसल्फाराइजनेशन) इकाई भी राष्ट्र को समर्पित की और नागापट्टिनम में कावेरी बेसिन तेलशोधक केन्‍द्र की आधारशिला भी रखी।

रामनाथपुरम-थूथुकुडी खंड 143 किलोमीटर लंबा होगा। इस पर करीब 700 करोड़ रुपये की लागत आयी है। इस परियोजना से तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) के गैस क्षेत्रों से गैस का उपयोग करने तथा प्राकृतिक गैस को उद्योगों व अन्य व्यापारिक उपभोक्तओं को उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। गैसोलीन सल्‍फर रहित इकाई के निर्माण पर करीब 500 करोड़ रुपये की लागत आयी है। यह 8 पीपीएम वाली इकाई है और इसे पर्यावरण के अनुकूल गैसोलीन से कम सल्फर का उत्पादन करने वाला बनाया गया है।

साथ ही यह उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में योगदान होगा। नागापट्टिनम में स्थापित की जाने वाली कावेरी बेसिन रिफाइनरी की क्षमता 90 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी। इसे इंडियन ऑयल कॉपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीपीसीएल) के संयुक्त उद्यम के माध्यम से 31,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किया जाएगा। यह बीएस-VI विनिर्देशों को पूरा करने वाली मोटर स्पिरिट और डीजल और मूल्य वर्धित उत्‍पाद के रूप में पॉलीप्रोपाइलीन का उत्पादन करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक इन परियोजनाओं के शुरू होने से राज्‍य को सामाजिक और आर्थिक लाभ होंगे। इसके अलावा देश ऊर्जा की आत्‍मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा।

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