न्यूज़ 18 में प्रकाशित।
आठ भारतीय समुद्र तटों को रविवार को एक ट्वीट में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की कि ‘प्रतिष्ठित’ ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
द्वारका, गुजरात में शिवराजपुर बीच; दीव में घोघला बीच; कर्नाटक में कासरकोड और पादुबिड्री समुद्र तट; केरल में कप्पड़ बीच; आंध्र प्रदेश में रुशिकोंडा बीच; उन्होंने कहा कि ओडिशा में गोल्डन बीच और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में राधानगर बीच अब ‘ब्लू फ्लैग’ प्रमाणित हो गया है।
उन्होने ने कहा कि यह भारत के लिए एक ‘गर्व और उत्कृष्ट क्षण’ है क्योंकि किसी अन्य ब्लू फ्लैग देश को एक ही प्रयास में आठ समुद्र तटों के लिए प्रमाणन से सम्मानित नहीं किया गया था। लेकिन ब्लू फ्लैग प्रमाणन क्या है, और इसके लिए क्या प्रदान किया जाता है? News18 बताते हैं।
गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन द्वारा दिया गया, ब्लू फ्लैग एक अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक ईको-लेबल है जो समुद्र तट, मरीना या स्थायी नौका विहार पर्यटन ऑपरेटर को दिया जाता है जो इसके मानकों को पूरा करता है। इसका मुख्यालय कोपेनहेगन, डेनमार्क में है।