नईदुनिया में प्रकाशित
उड़ान महिला समूह की मेहनत और लगन अब रंग लाने लगी है। खाद बनाने के लिए उन्हें केचुंआ खरीदना पड़ता था, अब उन्होंने केचुंआ उत्पादन शुरू कर दिया। एक महीने में 50 किलो केचुंआ विक्रय कर महिलाओं ने 15 हजार रुपये कमाए। वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में सबसे अहम भूमिका केचुंआ की होती है, जो गोबर को वर्मी कम्पोस्ट बनाने महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है। जोन एक नेहरू नगर में नई उड़ान महिला समूह की अध्यक्ष रेखा बघेल ने बताया कि योजना के प्रारंभ में कुछ किलोग्राम केचुंआ बाहर से खरीदकर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की शुरूआत की गई थी।
वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में केचुंआ की महती आवश्यकता को देखते हुए आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर केचुंआ पालन गोबर खरीदी केंद्र में ही प्रारंभ किया गया। इसमें से कुछ केचुंआ को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए अन्य टंकियों में छोड़ा गया। इधर, एक टंकी में केचुंआ पालन का कार्य निरंतर जारी रहा। जब सभी टंकियों में वर्मी कम्पोस्ट के लिए केचुंआ पर्याप्त मात्रा में पूर्ण हो गया तब मांग के अनुरूप इसका विक्रय किया गया।