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जनपद में हींग का दशकों पुराना कारोबार है। इस कारोबार से सैकड़ों परिवारों की रोजी रोटी जुड़ी है। हींग से यहां और अन्य उत्पाद भी तैयार किए जाते हैं। हींग की गोली के अलावा हींग के पेड़े भी बनाए जाते हैं, जोकि दूर-दूर तक प्रसिद्ध हैं। हींग के इस कारोबार को और ऊंचाइयां देने के लिए 2018 में प्रदेश सरकार ने विभिन्न जनपदों में निर्मित उत्पादों को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया।

इससे उद्यमियों को उत्पाद के प्रोत्साहन की और उम्मीद जगी। इसका उद्यमी लाभ भी उठा रहे हैं। हाथरस में हींग का निर्माण करने वाली 20 फैक्ट्रियां है। 50 ट्रेडर्स हैं जोकि ब्रांडेड माल को खरीदकर बेचने का काम करते हैं। सालाना 60 करोड़ रुपये का कारोबार है।

रेलवे स्टेशनों पर देश के विभिन्न कोने से दूर-दराज के मुसाफिर आते-जाते हैं। इस दौरान वे ट्रेन के रुकने पर खाने या अन्य वस्तुओं को खरीदते भी हैं। इससे लोगों को दूसरे शहरों की खाद्य वस्तुओं और अन्य सामान के उपभोग करने का मौका मिलता है। इससे प्रचार के साथ उत्पाद की बिक्री भी होती है।

इसी सोच के साथ अब एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत उस शहर के उत्पाद को रेलवे स्टेशनों पर लगने वाली स्टॉल पर ब्रांड की मार्केटिग और सेल भी हो सकेगी। इससे उद्यमियों को भी लाभ मिलेगा। जैसे हाथरस में हींग का कारोबार करने वाले उद्यमी किसी भी स्टेशन पर स्टॉल लेकर अपने उत्पाद की मार्केटिग व सेल कर सकेंगे। इससे उद्यमियों को लाभ मिलेगा।

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