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क्लेन्सटा स्टार्टअप का मुख्य मकसद ऐसे हाइजिन सोल्युशंस मुहैया करना है जिसमें पानी का इस्तेमाल ना होता हो। इस स्टार्टअप की रूपरेखा आईआईटी रुडकी में तैयार की गई और 2016 में इसे लॉन्च किया गया। ये स्टार्ट अप पानी रहित बाथ एवं शेंपू सोल्युशंस की मैन्युफेक्चरिंग करता है। आज देशभर में एम्स समेत 500 से ज्यादा हॉस्पिटल क्लेंस्टा के इस सोल्युशंस को अपना चुके हैं।

नेटवर्क18 अपनी पहल स्वाभिमान भारत, प्रेजेंटेड बाय आईटीसी देश भर से ऐसी कहानियों को सामने लाएगी जिनमें बिना किसी सरकारी मदद के लोगों ने अपनी समस्यायों के हल खोजे हैं। ये कहानियां  हैं नए-नए प्रयोगों और उपलब्धियों की जो हमें एक राष्ट्र के तौर पर परिभाषित करती हैं। ऐसी ही कहानी एक स्टार्ट अप की जो बिना पानी के शेंपू और शॉवर जेल बनाता है।

क्लेसन्टा के प्रोडक्ट का इस्तेमाल भारतीय सेना में अनिवार्य कर दिया गया और सियाचिन, लद्दाख समेत दूसरे दूरदराज के इलाकों में सैनिक इसका उपयोग कर रहे हैं। क्लेसन्टा के प्रोडक्ट्स तैयार करके देश के ग्रामीण इलाकों की सैकड़ों महिलाएं अपनी रोजी-रोटी कमा रही है। क्लेसन्टा स्वाभिमान की राह पर चलकर भारत की कोविड19 के खिलाफ लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।

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