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स्तन कैंसर के इलाज के लिए एक सस्ता समाधान प्रदान करने के लिए एक अवसादरोधी दवा का पुन: उपयोग किया जा सकता है। महंगी लागत, विकसित करने में लगने वाला लंबा समय और दवा परीक्षण और नियामकीय मंजूरी जरूरतों को देखते हुये नई और प्रभावी कैंसर रोधी दवाओं को तैयार करना जटिल प्रक्रिया रही है। बहरहाल, जैवचिकित्सा वैज्ञानिक दवा खोज के लिये आज दवा पुनप्र्रयोजन का उपयोग कर रहे हैं।

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत आने वाले गुवाहटी स्थित स्वायतशासी निकाय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन संस्थान के डा. असिस बाला और उनकी शोधकर्ताओं की टीम कैंसर प्रबंधन की बेहतर चिकित्सा रणनीति विकसित करने के लिये दवा पुनप्र्रयोजन के इस क्षेत्र में काम करती आ रही है।शोधकर्ताओं के इस समूह ने यह दर्शाया है कि सेलेजिलिन (एल- डिप्रेनिल), जो कि मोनोमाइन आक्सीडेज (एमएओ) अवरोधक नामक औषधियों के वर्ग की एक अवसादरोधी दवा है, का उपयोग स्तन कैंसर में कैंसररोधी चिकित्सा के रूप में किया जा सकता है।

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