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केंद्रीय विद्युत व आवास और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने  कल एनएचपीसी और एसजेवीएनएल के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशकों को भारत सरकार की ओर से ‘नवरत्न’ का दर्जा दिए जाने की प्रतिष्ठित उपलब्धि पर बधाई दी।  सार्वजनिक उद्यम विभाग (वित्त मंत्रालय) द्वारा 30.08.2024 को जारी आदेश के अनुसार यह सम्मान जल विद्युत क्षेत्र के इन अग्रणी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) को अधिक परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करता है।

उन्होंने ने इस प्रगति की सराहना की और इसे दोनों सीपीएसयू के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्हें भविष्य में और अधिक उपलब्धियां प्राप्त करने की आकांक्षा रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने  ने कहा, “यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि एनएचपीसी और एसजेवीएनएल जैसी जल विद्युत कंपनियां जल विद्युत क्षमता का उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जिससे ग्रीनहाउस गैसों या अन्य प्रदूषकों को सीमित करके देश को बिजली के क्षेत्र में मजबूत कर रही हैं।”

नवरत्न का दर्जा मिलने से एनएचपीसी और एसजेवीएनएल को तेजी से निर्णय लेने, दक्षता बढ़ाने व अधिक सशक्तिकरण का अधिकार मिलेगा। यह दर्जा प्रमुख पूंजीगत व्यय (केपेक्स) निर्णयों और निवेश योजनाओं का समर्थन करती है, विकास को बढ़ावा देती है, बाजार पहुंच का विस्तार करती है और दीर्घकालिक लाभ प्राप्त करती है।

इन नवप्रदत्त शक्तियों के साथ एनएचपीसी और एसजेवीएनएल को विदेशों में संयुक्त उद्यम स्थापित करने, नए बाजारों तक पहुंच बनाने और स्थानीय विशेषज्ञता का लाभ उठाने की स्वायत्तता होगी। इसके अलावा यह तकनीकी गठबंधनों के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देगा, बाजार स्थिति को मजबूत करेगा और विलय व अधिग्रहण को सुगम बनाएगा, जिससे बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी के साथ विकास को बढ़ावा मिलेगा।

वर्तमान में एनएचपीसी और एसजेवीएनएल की कुल स्थापित क्षमता क्रमशः 7144 मेगावाट और 2467 मेगावाट है। ये कंपनियां वर्तमान में एनएचपीसी द्वारा 10,443 मेगावाट और एसजेवीएनएल द्वारा 4836 मेगावाट की परियोजनाओं का निर्माण कर रही हैं।
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