कल अनंतिम आंकड़े जारी करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में सभी प्रमुख मानकों में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की। बिक्री में 399.69% की वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 1.55 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जो दस साल पहले 31,154.20 करोड़ रुपये थी। उत्पादन में 314.79% की वृद्धि देखी गई, जो कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि नए रोजगार सृजन में 80.96% की वृद्धि हुई, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में 10.17 लाख नौकरियां पैदा हुईं।

उन्होंने ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय महात्मा गांधी की प्रेरणा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अटूट समर्थन और भारत भर के दूरदराज के गांवों में लाखों कारीगरों के अथक प्रयासों को दिया। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन सहित विभिन्न मंचों पर प्रधानमंत्री की वकालत से उत्साहित होकर खादी युवाओं के बीच एक फैशनेबल प्रतीक बन गई है।

खादी कपड़ों का उत्पादन 295.28% बढ़कर 2013-14 में 811.08 करोड़ रुपये से 2023-24 में 3,206 करोड़ रुपये हो गया, जबकि बिक्री 500.90% बढ़कर 6,496 करोड़ रुपये हो गई। केवीआईसी द्वारा प्रदान किए गए रोजगार के अवसरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, 2013-14 में 1.30 करोड़ संचयी नौकरियों से 2023-24 में 1.87 करोड़ तक, जिसमें इसी अवधि के दौरान 5.62 लाख से 10.17 लाख तक नई नौकरियों में पर्याप्त वृद्धि शामिल है।

खादी ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली में कारोबार पिछले दशक में 87.23% बढ़कर 51.13 करोड़ रुपये से 2023-24 में 95.74 करोड़ रुपये हो गया, जो स्वदेशी उत्पादों और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में बढ़ते उपभोक्ता विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने  ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये उपलब्धियाँ ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी’ उत्पादों में बढ़ते भरोसे को रेखांकित करती हैं, जो स्थायी रोजगार और मजबूत विनिर्माण प्रथाओं के माध्यम से ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में केवीआईसी की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करती हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत केवीआईसी की सफलता की कहानी 2047 तक वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की आकांक्षाओं के लिए एक मजबूत मिसाल कायम करती है, जो विकसित भारत को आकार देने में स्वदेशी उद्योगों के परिवर्तनकारी प्रभाव को मजबूत करती है।

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