सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक और सेना चिकित्सा कोर के वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने आज (27 जून, 2024) पुणे में सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (एएफएमसी) में एक नई जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला (जीनोम सीक्वेंसिंग लैब) का उद्घाटन किया। यह नई प्रयोगशाला जीनोम अनुक्रमण की अगली पीढ़ी की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें उन्नत “नेक्स्टसीक 2000” और “मिनिसीक” एनालाइजर्स शामिल हैं।

एनजीएस प्रौद्योगिकी का विभिन्न स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग है, जिसमें वंशानुगत रोग, ऑन्कोलॉजी, प्रत्यारोपण चिकित्सा और प्रजनन चिकित्सा शामिल हैं। यह उन्नत प्रौद्योगिकी दुर्लभ आनुवंशिक विकारों के सटीक निदान, असाध्यता के आणविक पूर्वानुमान और अंग प्रत्यारोपण को आसान बनाकर एएफएमएस की क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है। नई दिल्ली में सेना अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) के बाद, जहां 23 जनवरी 2024 को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक द्वारा एनजीएस सुविधा शुरू की गई थी, यह एएफएमएस में इस तरह की दूसरी सुविधा है।

इस आयोजन में एएफएमएस पुणे के डीन और कार्यवाहक कमांडेंट, कमांड हॉस्पिटल दक्षिणी कमांड के कमांडेंट, आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियो थोरैसिक साइंसेज पुणे और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के अपर महानिदेशक (मेडिकल रिसर्च एंड हेल्थ) के अलावा सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

एएफएमसी पुणे में जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला की स्थापना न केवल सशस्त्र बलों की सेवा करेगी, बल्कि नूतन चिकित्सा शोध और बेहतर नैदानिकी के माध्यम से चिकित्सकों के समुदाय को भी योगदान देगी। यह सुविधा चिकित्सा विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा देगी, जिससे बेहतर स्वास्थ्य सेवा परिणाम सामने आएंगे, जो राष्ट्रीय विकास की आधारशिला है।

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