03 जून 24 को दूसरे कैडेट प्रशिक्षण पोत (यार्ड-18004) के निर्माण की शुरुआत का औपचारिक समारोह मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण (एसीडब्ल्यूपीएंडए) के सहायक नियंत्रक, रियर एडमिरल संदीप मेहता ने की। इस अवसर पर रियर एडमिरल जीके हरीश (सेवानिवृत्त), प्रमुख जहाज निर्माण व्यवसाय, एलएंडटी और भारतीय नौसेना और मेसर्स एलएंडटी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

07 मार्च 23 को तीन कैडेट प्रशिक्षण पोतों के स्वदेशी डिजाइन एवं निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स एलएंडटी के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। इन कैडेट प्रशिक्षण पोतों का उपयोग अधिकारी कैडेटों को बुनियादी प्रशिक्षण के बाद समुद्र में प्रशिक्षण देने के लिए किया जाएगा। ये पोत मित्र देशों के कैडेटों को प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदान करेंगे।

भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप यह स्वदेशी पोत निर्माण की दिशा में भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। दीर्घकालिक एकीकृत परिप्रेक्ष्य योजना (एलटीआईपीपी) 2012-27 में भारतीय नौसेना के लिए तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों के फोर्स लेवल की परिकल्पना की गई है।

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