रक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की स्वीकृति के बाद 34 उन्नत किस्म के हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) के अधिग्रहण के लिए 13 मार्च 2024 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), बेंगलुरु के साथ खरीदें (भारतीय-आईडीडीएम – स्वदेशी रूप से तैयार, विकसित व निर्मित) श्रेणी के तहत 8073.17 करोड़ रुपये के संयुक्त मूल्य के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सौदे के अनुसार भारतीय सेना (25 एएलएच) और भारतीय तटरक्षक बल (09 एएलएच) के लिए ऑपरेशनल रोल उपकरण के साथ ध्रुव एमके III रक्षा विनिर्माण में स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया एएलएच ध्रुव एमके III यूटी (यूटिलिटी) संस्करण, राहत एवं बचाव, सैन्य परिवहन, आंतरिक कार्गो, रेकी / हताहत निकासी आदि के लिए डिज़ाइन किया गया है। एएलएच ध्रुव एमके III यूटी ने सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख जैसे अधिकतम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन साबित किया है।

भारतीय तटरक्षक के लिए एएलएच एमके III एमआर (समुद्री भूमिका) संस्करण, समुद्री निगरानी और अंतर्विरोध, तलाशी व बचाव, रैपलिंग संचालन तथा कार्गो एवं कार्मिक परिवहन हेतु बाहरी कार्गो ले जाने की क्षमता और चिकित्सा हताहत निकासी का उपयोग करके प्रदूषण प्रतिक्रिया के लिए तैयार किया गया है। इस हेलीकॉप्टर ने समुद्र और जमीन पर प्रतिकूल वायुमंडलीय परिस्थितियों में भी अपनी क्षमता साबित की है।

यह परियोजना अपनी अवधि के दौरान श्रम के लिए अनुमानित 190 लाख मानव-घंटे का रोजगार पैदा करेगी। इसमें 200 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से उपकरणों की आपूर्ति भी शामिल होगी और 70 स्थानीय विक्रेता स्वदेशीकरण की प्रक्रिया में शामिल होंगे। इस पहल से क्षेत्र में रोजगार सृजन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

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