केंद्रीय आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, कौशल विकास, उद्यमिता और जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कल सी-डैक तिरुवनंतपुरम में भारत के पहले फ्यूचरलैब्स सेंटर का उद्घाटन किया। ‘सेंटर फॉर सेमीकंडक्टर चिप्स एंड सिस्टम्स फॉर स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स’ नाम का यह केंद्र अगली पीढ़ी के चिप डिजाइन, विनिर्माण एवं अनुसंधान के लिए एक परिवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अन्य घोषणाओं में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्रौद्योगिकी के विकास के लिए सी-डैक (टी) और रेल मंत्रालय के बीच सहयोग की घोषणा शामिल है। इसके अलावा माइक्रोग्रिड प्रौद्योगिकी के विकास एवं उपयोग के लिए सी-डैक (टी) और टाटा पावर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सी-डैक (टी) और वीएनआईटी नागपुर द्वारा विकसित इलेक्ट्रिक वाहन वायरलेस चार्जर की तकनीक बेलराइज इंडस्ट्रीज लिमिटेड को हस्तांतरित करने की भी घोषणा की गई।
टीपी रिन्यूएबल माइक्रोग्रिड लिमिटेड के सीईओ श्री मनोज गुप्ता ने कहा, ‘टाटा पावर और सी-डैक के बीच सहयोग एक ऐतिहासिक क्षण है। एक संगठन के तौर पर हमने माइक्रो ग्रिड स्थापित किए हैं जो बैटरी तकनीक के साथ सौर ऊर्जा से संचालित होते हैं। हाल में स्थापित इन माइक्रो ग्रिड ने उत्तर प्रदेश और बिहार के 200 गांवों को सशक्त बनाया है। हम केरल में भी इसे जारी रखेंगे। इस साझेदारी के जरिये हम माइक्रोग्रिड की ताकत का उपयोग करने में समर्थ होंगे।’
जेएमवी एलपीएस लिमिटेड की निदेशक सुश्री मीनाक्षी सिंह ने कहा, ‘डिजिटल इंडिया और उद्यमिता की दिशा में मंत्री के इस शानदार कार्य एवं दृढ़ संकल्प ने आत्मनिर्भरता एवं प्रौद्योगिकी के प्रति कई कंपनियों का मनोबल बढ़ाया है। सी-डैक और भारतीय रेल के साथ मिलकर जेएमवी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि- तीन हिस्से वाली स्वदेशी लोकोमोटिव प्रणोदन प्रणाली- हासिल की है। लोकोमोटिव प्रोपल्शन सिस्टम की यह घरेलू तकनीक न केवल नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है बल्कि भारत को रेलवे प्रोपल्शन सिस्टम के क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है। इसके अलावा, हम रेलवे के लिए स्वदेशी रूप तौर पर डिजाइन, विकसित एवं निर्मित एआई आधारित पूर्वानुमानित रखरखाव प्रणाली के जरिये रेलवे के रखरखाव एवं संचालन व्यवस्था को आधुनिक बनाने में योगदान दे रहे हैं।’