प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल झारखंड के धनबाद के सिंदरी में हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) सिंदरी उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने 2018 में उर्वरक संयंत्र का शिलान्यास किया था।

उन्होंने कहा कि भारत को हर साल 360 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता होती है और 2014 में भारत सिर्फ 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन कर रहा था। मांग और पूर्ति के इस भारी अंतर के कारण बड़ी मात्रा में यूरिया की आयात की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में यूरिया का उत्पादन बढ़कर 310 लाख मीट्रिक टन हो गया है।” उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के शुभारंभ से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नये मार्ग खुले हैं। उन्होंने कहा कि ये पांच संयंत्र 60 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करेंगे और भारत को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर करेंगे।

हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) अर्थात् राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और एफसीआईएल)/एचएफसीएल की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। जिसे 15 जून, 2016 को निगमित किया गया था। प्रति वर्ष 12.7 एलएमटी की स्थापित क्षमता के साथ नया अमोनिया-यूरिया संयंत्र स्थापित करके सिंदरी उर्वरक इकाई का पुनरूद्धार किया गया। सिंदरी संयंत्र ने 05 नवंबर 2022 को यूरिया का उत्पादन शुरू किया।

संयंत्र का लक्ष्य झारखंड राज्य के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार में किसानों को यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है। संयंत्र न केवल उर्वरक की उपलब्धता में सुधार करेगा बल्कि सड़क, रेलवे और इससे जुड़े उद्योगों की आधारभूत अवसंरचना के विकास सहित क्षेत्र में समग्र आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। यह संयंत्र 450 प्रत्यक्ष और 1000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त कारखाने के लिए विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विक्रेता भी लाभान्वित होंगे जिससे इस क्षेत्र को लाभ होगा।

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