रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने 01 मार्च, 2024 को भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की वाडिनार जेट्टी का उद्घाटन किया, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारतीय तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर-पश्चिम) में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक अहम कदम है। इस जेट्टी का निर्माण दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (डीपीए) द्वारा 74 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। रक्षा राज्य मंत्री ने अपने जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों में राष्ट्रीय समुद्री हितों की सुरक्षा में आईसीजी द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की।
इस अवसर पर उन्होंने ने कहा कि भारतीय क्षेत्र में राष्ट्र-विरोधी तत्वों की घुसपैठ की संभावना राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। कच्चे तेल के प्रमुख केंद्र कच्छ की खाड़ी क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा पर इससे संभावित प्रभाव पड़ सकता है। यहां से होकर ही भारत का 74 प्रतिशत कच्चा तेल वाडिनार और कांडला से होकर गुजरता है। यह इस क्षेत्र को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है और जिससे 24 घंटे निगरानी अनिवार्य हो जाती है। वाडिनार जेट्टी ने भारतीय तटरक्षक की परिचालन क्षमता को बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल द्वारा निर्मित ये वाडिनार जेट्टी (घाट) इस क्षेत्र के भू-रणनीतिक महत्व को और बढ़ाएगा। उन्होंने आगे कहा कि ये जेट्टी विशेष आर्थिक क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा में तैनात अन्य तटरक्षक स्टेशनों की परिचालन यात्राओं के दौरान भारतीय तटरक्षक जहाजों को रुकने की सुविधा प्रदान करेगी। ये तटरक्षक बल को हर मौसम में काम करने और तटीय सुरक्षा संचालन एवं अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर तैनाती को बढ़ाने के लिए आपात स्थिति के दौरान जहाजों की तैनाती में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ये जेट्टी भारतीय नौसेना के जहाजों को डेकिंग और बर्थिंग की सुविधाएं प्रदान कर सकता है।