सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने मंगलवार को महाराष्ट्र के कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग के बाद उच्च गुणवत्ता के टूलकिट वितरित की। नासिक जिले के त्र्यंबक रोड, सातपुर स्थित डेमोक्रेसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 240 कारीगरों को 449 मशीनरी व टूलकिट और 250 प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए थे। इस वितरण कार्यक्रम की खास बात यह थी कि पहली बार 20 महिलाओं को ट्रेनिंग के बाद इलेक्ट्रिशियन टूलकिट वितरित की गई। इन सभी महिलाओं की ट्रेनिंग श्रीरामपुर, अहमदनगर में हुई थी।
इस वितरण कार्यक्रम के दौरान, आयोग के राज्य कार्यालय,महाराष्ट्र के अंतर्गत आने वाले जिलों के 120 कुम्हारों को विद्युत चालित चाक, 50 कारीगरों को कच्ची घानी तेल मशीन, 20 महिलाओं को इलेक्ट्रिशियन टूलकिट, 20 कारीगरों को 4 पेपर प्लेट व दोना मेकिंग मशीन और 30 मधुमक्खी पालकों को 300 मधुमक्खी बॉक्स वितरित किए गए।
इसी क्रम में उक्त वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। महाराष्ट्र में खादी की 33 संस्थाएं हैं, जिसके माध्यम से 1400 खादी कारीगरों को रोजगार मिल रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में उच्च गुणवत्ता के कौशल प्रशिक्षण के साथ कुम्हारों को 700 विद्युत चालित चाक प्रदान किए हैं, जिससे उनके जीवन स्तर एवं आय में वृद्धि हुई है।
पिछले 2 वर्षों में नासिक जिले में 120 कुम्हारों को चाक वितरित किए गए हैं। इसी तरह, राज्य कार्यालय ने पिछले तीन वर्षों में 250 महिलाओं को अगरबत्ती निर्माण की मशीन और ट्रेनिंग, 150 मधुमक्खी पालकों को 1500 बी बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया है
कारीगरों से सीधा संवाद करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने पूरे देश में अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चाक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के अंतर्गत,गांव में रहनेवाले कारीगरों को 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है।